Astrology Articles

  • सावन में करें ये खास उपाय, तीन महीनों में हो जाएगी सूनी गोद हरी
    महादेव सभी सुखों के साथ वंश वृद्धि का भी आशीर्वाद देते हैं। कहते हैं कि साव के महीने में अगर 111 बिल्वस पत्रों की माला यदि महादेव और मां पार्वती को चढाई जाए तो केवल तीन महीनों में सालों से सूनी गोद भी हरी हो जाती है यानी कि संतान के योग बनने लगते हैं। संतान संबंधी कुछ और योग भी ज्योतिष बताए गए हैं-....

  • रावण ने की इस शिवलिंग की पूजा तो पूरी लंका सोने की हो गई....
    पारद को दुनिया का सबसे शुद्ध पदार्थ माना गया है। कहते हैं कि पारद भगवान भोलेनाथ को सबसे ज्याोदा प्रिय है। शास्त्रों के अनुसार पारद के शिवलिंग को शिव का स्वयंभू प्रतीक भी माना गया है। रूद्र संहिता में रावण के शिव स्तुति की जब चर्चा होती है तो पारद के शिवलिंग का विशेष वर्णन मिलता है। रावण को रस सिद्ध योगी भी माना गया है और इसी शिवलिंग का पूजन कर उसने अपनी लंका को स्वर्ण की लंका में तब्दील कर दिया था।....

  • शनि देव आपको धनवान बना सकते हैं, अगर आप करते हों ये काम...
    नौ ग्रहों में शनि एक मात्र ऐसा ग्रह है, जिसे सबसे क्रूर माना जाता है। शनि की साढ़े साती या शनि की ढैया का नाम सुनकर अच्छे-भले जातकों पर भी प्रतिकूल मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि शनि ग्रह ईमानदार लोगों के लिए यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है। शनि संतुलन एवं न्याय के ग्रह हैं। शनि अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय का प्रतीक हैं। शनि ही धन-संपत्ति, वैभव और मोक्ष भी देते हैं। कहते हैं शनि देव पापी व्यक्तियों के लिए अत्यंत कष्टकारक हैं। शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिससे जीवन पूरी तरह से डगमगा सकता है परंतु शनि कुछ लोगों के अत्यंत शुभ और श्रेष्ट फल देता है। कुछ खास उपाय किए करें तो शनि आप पर मेहरबान होकर आपको धनी भी बना सकता है। ....

  • क्‍या आपकी कुंडली में है पत्रकार बनने के योग?
    आज कल कई लोग मीडिया जगत में जाने के लिए काफी लोग उत्सुक रहते है लेकिन उनको अपना फ्यूचर पता नहीं चल पाता| आइए जानते हैं कि मीडिया में (पत्रकारिता में) जाने के लिए आपका कौनसा ग्रह सबसे सबसे ज्यादा मजबूत होना चाहिए? ग्रहों का विभिन्न राशियों में स्थित होना भी व्यवसाय का चयन करने में मदद करता है। यदि चर राशियों में अधिक ग्रह हो तो जातक को चतुराई, युक्ति निपुणता से सम्बधित व्यवसाय में सफलता मिलती है। यह ऐसा व्यवसाय करता है जिसमें निरंतर घूमना पड़ता हैं| यदि किसी जातक की कुंडली में चन्द्र और बुध की युति हो तो ऐसा जातक कवि, पत्रकार लेखक बनता है।....

  • भूलकर भी घर में पक्षी या जानवरों को नहीं करें पिंजरे में कैद, नहीं तो ....
    ज्योतिष के अनुसार किसी घर में कोई भी जानवर या पक्षी पिंजरे में बंद रहता है तो उस घर से लक्ष्मी सदा के लिए रूठ जाती है। शास्त्रों में पक्षियों की सेवा करने के निर्देश दिए गए हैं ना की उन्हें पिंजरे में बंद करके पालने के। पक्षी कुण्डली के पांच भावों पर प्रभाव डालते है। पिंजरे में बंद पक्षी अपशकुन का प्रतीक हैं। पक्षियों को घर में बंद करके पालना विभिन्न तरह की समस्याओं को न्योता देना है। ....

  • इन खास यंत्रों की पूजा से रिश्ते होने लगेंगे मधुर, नहीं बढेगा क्लेश
    ज्योतिष के अनुसार जन्म पत्रिका के बाहर भावों में से हर परिवारजन का अलग-अलग भाव होता है। व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति, ग्रह स्वामी की स्थिति, ग्रहों के आपसी संबंध, ग्रहों की परस्पर दृष्टि, ग्रहों के अंश आदि का प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव पर पड़ता है। जो उस व्यक्ति के अन्य परिवारजनों के संबंधों को प्रतिकूल या अनुकूल बनाता है। ग्रह यंत्र उन लोगों के लिए भी उपयोगी हैं जिनके पास आपसी जन्मकुंडली अज्ञात कारणों से उपलब्ध नहीं है। जिस परिवारजन से आप अच्छे या अनुकूल संबंध कायम करना चाहते हैं, उनके अनुसार आप निम्न यंत्रों में से आवश्यकतानुसार कोई भी यंत्र धारण कर सकते हैं। इन यंत्रों को भुजा या गले में संबंधित धातु पर उत्कीर्ण कर धारण किया जा सकता है।....

  • 23 जुलाई को है श्रावण अमावस्या, करें यह खास पूजा, हो जाएंगे वारे-न्यारे
    शास्त्रों में लिखा है कि सावन के महीने में महादेव की पूरे मनोयोग से पूजा करने से कई जन्म् सुधर जाते हैं। लेकिन हम आपको बता रहे हैं ऐसा सुखद रहस्य जिसका बहुत ही कम लोगों पता होगा। शिव पुराण के अनुसार सावन के महीने में अमावस्याख की रात यदि भोलेनाथ की चारों प्रहरों में पूजा की जाए तो न केवल लक्ष्मीे हमेशा आपके निवास पर चिरकाल तक रहेगी बल्कि कुबेर का भी डेरा यही हो जाएगा। ....

  • अगर हो सास-बहू में किचकिच, अपनाएं ये उपाय बनी रहेगी शांति
    यह कहानी किसी के भी घर की हो सकती है। उनके परिवार में सास-बहू में हमेशा तकरार रहती हो, कभी भी आपस में नहीं बनती हो। लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका कोई उपचार नहीं है या लाइलाज बीमारी है। अगर हम कुछ ज्योतिषिय उपायों को अपनाएं तो न केवल सास-बहू में कभी कोई विवाद या कहासुनी नहीं होगी बल्कि उनके प्रेम में भी उत्तरोत्तचर वृद्धि होगी। ....

  • इस तेल के 41 दिन जलाएं दिए फिर देखें चमत्कार, पैसा खिंचा चला आएगा
    किसी भी तरह की पूजा पाठ के दौरान अक्सर दीपक जलाया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि अगर कुछ खास तरह और खास तेल के दिए जलाए जाएं तो मां लक्ष्मी की उस घर और उस जातक पर हमेशा कृपा बनी रहती है। दियों के उपायो से कई महत्‍वपूर्ण कार्य भी सिद्ध किए जा सकते हैं आइए जानें उनके बारे में-....

  • जीवन की सभी परेशानियां होंगी दूर, करें केवल मंगल को प्रसन्‍न
    रजोगणी प्रधान और रक्त वर्ण वाले मंगल ग्रह के शुभ स्थिति में होने पर जातक योग्य, साहसी, कुशल और सामथ्र्यवान हो जाता है। लग्न का स्वामी मंगल यदि शक्तिशाली हो तो जातक में उत्साह व आत्मविश्वास देखने को मिलता है। ऐसे जातक अपनी क्षमता से अधिक साहस पूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर डालते हैं। यदि लग्न में मंगल अस्त या अशुभ दृष्टि वाला हो तो जातक गुप्त रोगी और क्रूर स्वभाव वाला हो जाता है। जन्म कुंडली के छठे, आठवें व बारहवें भाव में मंगल विपरीत फल देता है। वक्री व अस्त मंगल भी अशुभ फल देने वाला है। मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से जातक क्रोधी, निर्धन, गुप्त रोगी, दु:खी, अशांत, क्रूर और अपने उच्चाधिकारियों से प्रताडि़त होने वाला बना रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक का मंगल शांत हो तो वह पुलिस, सेना व प्रशासनिक सेवाओं को भोगता है लेकिन मंगल अशुभ हुआ तो वह जातक को गलत व अपराध कार्यों की ओर ले जाता है।....

  • क्या आप जानते हैं सोने-चांदी के गहने पहनने के भी होते हैं नियम
    ज्योतिष में पैर-शनि का और सूर्य-सिर का प्रतीक है और ये परस्पर शत्रु माने जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य का सिर ठंडा और पैर गर्म रहने चाहिए। इसलिए सिर पर सोना और पैरों में चांदी के आभूषण ही धारण करने चाहिए। इससे सिर से उत्पन्न ऊर्जा पैरों में और चांदी से उत्पन्न ठंडक सिर में जाएगी। इससे सिर ठंडा व पैर गर्म रहेंगे। सिर में चांदी के व पैरों में सोने के आभूषण नहीं पहनने चाहिए। इससे स्त्रियां अवसाद, पागलपन या अन्य रोगों की शिकार बन सकती हैं। पैरों में सोने की पायल नहीं पहननी चाहिए, चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी व घुटनों के दर्द, रक्तशुद्धि, मूत्ररोग, हिस्टीरिया आदि रोगों से राहत मिलती है। ....

  • इन जानवरों को खाना खिलाने से आएंगे अच्छे दिन, मिलेगी दौलत और शोहरत
    जिन लोगों की पुरानी संपत्ति उनके हाथ से निकल गई है या कई मूल्यवान वस्तु खो गई है तो ऐसे लोग यदि प्रतिदिन मछली को आटे की गोलियां खिलाते हैं तो उन्हें लाभ प्राप्त होता है। मछलियों को आटे की गोलियां देने पर पुरानी संपत्ति पुन: प्राप्त होने के योग बनते हैं और धनआगम के योग बनने लगते हैं।....

  • लक्ष्मीजी को रिझाने के लिए पहनें ये खास अंगूठी, बदल जाएगी किस्‍मत
    कछुआ शांति, धैर्य, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है। लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए कछुआ लक्ष्मी जी का भी प्रिय होता है। ऐसे में लोगों को ऊर्जा व आत्मविश्वास के लिए कछुआ अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है। पुराणी कथाओं के अनुसार, कछुआ भगवान विष्णु का एक अवतार रहा है। कछुआ धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है। कछुए अंगूठी पहनते समय यह हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले की तरफ होना चाहिए। इससे घर में धन आने की संभावना बढ़ जाती है। यह बाहर का पैसा आपकी ओर आकर्षित करता होगा। कछुए के शेप की अंगूठी को सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी उंगली में पहनें।....

  • अगर करने जा रहे हैं लव मैरिज तो एक बार इसको जरूर पढ लें
    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रेम विवाह से संबंधित तीन ग्रह होते हैं। यह तीन ग्रह सूर्य, बुध और शुक्र हैं। इन तीनों ग्रहों के कारण व्यक्ति को प्रेम होता है। अगर यह तीनों ग्रह एक साथ एक ही भाव में स्थित हो तो वह व्यक्ति प्रेम विवाह निश्चित करता है।....

  • जन्मकुंडली के अनुसार करेंगे मित्रता, तो होगा हमेशा फायदा
    कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, द्वितीय, पंचम, सप्तम व एकादश भाव और बुध ग्रह प्रमुख रूप से मित्रता के कारक होते हैं। कुंडली का सीधा संबंध भाव, ग्रह व राशियों से होता है। तीनों प्रकार के संबंध जीवन की दिशा तय करते हैं। दो विभिन्न व्यक्तियों, प्रेमी-प्रेमिका, पति-पत्नी का आपसी संबंध राशियों के तत्व पर आधारित होता है।  मेष, सिंह व धनु राशियां अग्नि तत्व प्रधान अर्थात ये उग्र व गर्म मिजाज वाली राशियां होती हैं। वृष, कन्या व मकर राशियां भूमि या पृथ्वी तत्त्व प्रधान होने के कारण धैर्यशाली व ठंडे मिजाज वाली, मिथुन, तुला व कुंभ राशियां वायु तत्त्व प्रधान होने के कारण अस्थिर चित्त व द्विस्वभाव वाली होती हैं। ....

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