राहु-केतु-शनि यानी राकेश के कुप्रभावों से बचने के परखे हुए उपाय
जीवन में शांति बनाए रखने के लिए राकेश को मनाकर रखना होता है, राकेश यानी कि राहु-केतु और शनि। कहते हैं कि राकेश आपका ठीक चल रहा हो तो आपके जीवन में कभी किसी बात की कोई कमी नहीं रहेगी और दौलत-शोहरत आपको घेरे रहेगी। कई बार ना चाहते हुए भी हम इन ग्रहों को साध नहीं पाते और परेशानी में फंसने लगते हैं। कुछ सरल उपायों से ऐसे साधें इन दबंग ग्रहों को- ....
जब जीवन को निराशा घेर ले, करें ये उपाय, नहीं रहेगी कोई कमी
कभी-कभी जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं होता। सब काम अटकने लगते हैं, किसी भी काम में जातक को सफलता नहीं मिल पाती। ऐसे में व्यक्ति निराशा के भंवर में फंसने लगता है और इधर-उधर के जाल में फंसने लगता है। ज्योतिष में ऐसे समय को संक्रमण काल का नाम दिया है। कहते हैं कि इस कालखंड में राशिवार पूजा की जाए तो सबकुछ अच्छां होने लगता है। आपके बुरे दिन भी अच्छोंं में बदलने लगते हैं-....
केवल यह फूल भगवान शंकर को चढाने से मिलता है मनचाहा लाइफ पार्टनर
ज्योतिष के अनुसार कुंडली का सातवां भाव आपके जीवनसाथी का अच्छा या बुरा होना तय करता है लेकिन शिवपुराण के अनुसार यदि एक खास किस्म का फूल भोलेनाथ पर चढाया जाए तो केवल तीन महीनों में भी मनचाहा वर या वधू मिलना जाता या जाती है। यकीन मानिए यह परखा हुआ उपाय है- ....
आप भी जान सकते हैं कि कल क्या होने वाला है
हर व्यक्ति की चाहत है कि उसे भविष्य का आभास पहले ही हो जाए। यानी आने वाले कल को पहले ही जान ले लेकिन यह जानना कोई बच्चों का खेल नहीं। पहले के जमाने में ऋषि-मुनियों के पास ही यह सिद्धी हुआ करती थी। आज के दौर में आम आदमी भी कुछ खास अभ्याहस के साथ अपनी छठी इंद्री को जगाकर आने वाले कल का पूर्वाभास कर सकता है। हालांकि इसमें थोडा समय लग सकता है लेकिन कुछ समय के अभ्यास के बाद आप आने वाले कल को संकेंतों के अनुसार जान सकते हैं। ....
इन शुभ और सर्वश्रेष्ठन मुहूर्तों में किया श्रीगणेश का ध्यान, तो हो जाएंगे निहाल
मानव जीवन का परम लक्ष्य सद्गुणों में वृद्धि के साथ देवत्व की प्राप्ति है और काम क्रोध लोभ मोह आदि आसुरी भाव उसमें प्रधान प्रबल विघ्न है। भगवान श्री गणेश ऋद्धि, सिद्धि बुद्धि प्रदाता एवं विघ्नहर्ता है। अतः साधना, उपासना या धार्मिक या समस्त मांगलिक कार्यों के आरम्भ में श्री गणेश का पूजन, स्तवन, स्मरण, नमन आदि का विधान है। विद्याराम्भ या व्यावसायिक बही-खातों के प्रथम पृष्ठ पर श्री गणेशाय नमः मांगलिक वाक्य अवश्य लिखा जाता है। इसीलिए रामचरित मानस में संत तुलसीदास जी सर्वांग्र-पूज्य, आदिपूज्य, पार्वती षिव तनय श्री गणेश की गरिमा में कहते है:-महिमा जासु जान गनराऊ प्रथम पूजिअत नाम प्रभाऊ।। कहते हैं आज के दिन यदि शुभ मुहूर्त में पूजा आराधना की जाए तो फल जल्दी और शुभ मिलते हैं। ....
मनचाहा वरदान पाने के लिए गणेश चतुर्थी पर करें, इन चमत्कारी मंत्रों का जाप
सर्व विघ्नों के हर्ता और ऋद्धि-सिद्धि बुद्धि के प्रदाता गणपति का चाहे कोई सत्कर्मानुष्ठान हो या किसी देवता की आराधना का प्रारम्भ या किसी भी उत्कृष्ट या साधारण लौकिक कार्य सभी में सर्वप्रथम इन्हींक का स्मरण, विधिवत् अर्चन एवं वन्दन किया जाता हैं। स्कन्दपुराण के अनुसार मां पार्वती ने अपने शरीर की उबटन की बत्तियों से एक शिशु बनाकर उसमें प्राणों का संचार कर गण के रुप में उन्हें द्वार पर बैठा दिया। भगवान शिव को द्वार के अन्दर प्रवेश नहीं करने देने पर गण और शिव में युद्ध हुआ। शिवजी ने गण का सिर काट कर द्वार के अन्दर प्रवेश किया। पार्वती ने गण को पुनः जीवित करने के लिए शिवजी से कहा। शिवजी ने एक हाथी के शिशु के सिर को गणेश जी के मस्तक पर जोड़कर पुनः जीवित कर पुत्र रुप में स्वीकार किया। इससे ये गजानंद कहलाए। तंत्र शास्त्र में निम्न गणेश मंत्रों का जप अभिष्ट फल प्राप्ति में सहायक होता है-....
इन देवी-देवताओं को लगाएं ये भोग, हो जाएंगे तुरंत प्रसन्न
सभी तरह के देवी-देवताओं को भोग लगाने का शास्त्रों में नियम बताया गया है। गणेश चतुर्थी आ रही है लोग मोदक का भोग भगवान गजानन को लगाएंगे। उनकी ही तरह अन्य देवी-देवताओं को क्या क्या भोग लगाकर किया जा सकता है प्रसन्न, आइए जानें जरा-....
अगर गलती से हो जाए गणेश चतुर्थी को चंद्र दर्शन करें ये उपाय, बच जाएंगे कलंक से
सृष्टि के प्रथम पूज्य देव गजानन का सबसे बडा त्योहार गणेश चतुर्थी पूरी दुनिया 25 अगस्त को मनाएगी। यूं तो यह तिथि सबसे श्रेष्ठ और पवित्र है लेकिन कहते हैं यदि इस रात्रि गलती से भी यदि चंद्र दर्शन् हो जाए तो आप पर भारी पड सकती है। शास्त्रों के अनुसार यदि भूल से भी चौथ का चंद्रमा दिख जाय तो श्रीमद् भागवत् के 10वें स्कन्ध के 57वें अध्याय में दी गई स्यमंतक मणि की चोरी की कथा का आदरपूर्वक श्रवण करना चाहिए। कहते हैं मानव ही नहीं पूर्णावतार भगवान श्रीकृष्ण भी इस तिथि को चंद्र दर्शन करने के पश्चात मिथ्या कलंक से नहीं बच पाए थे। ....
शुरू होने वाला है श्राद्ध पक्ष, पितरों की उपेक्षा करना पडेगा भारी
आगामी 5 सितंबर से श्राद्ध यानी कि पितृ पक्ष प्रांरभ होने जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार पितरों और देवताओं की योनि ऐसी है कि वे दूर से कही हुई बातें सुन लेते हैं। दूर की पूजा भी ग्रहण कर लेते हैं और दूर से की गई स्तुति से भी संतुष्ट हो जाते हैं। अपने पितरों का तिथि अनुसार श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होकर अनुष्ठाता की आयु को बढ़ा देते हैं। साथ ही धन धान्य, पुत्र-पौत्र तथा यश प्रदान करते हैं। इस दौरान खास चीजों को दान देने से पितर प्रसन्नक होते हैं और मनवांछित वस्तु पाने का वरदान देते हैं। ....
चमत्कारी है रुद्राक्ष, सभी तरह दुखों को दूर करने की ताकत रखता है
महादेव के सभी भक्तों को रुद्राक्ष धारण करना बेहद जरूरी है। पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पति के सम्बन्ध में कहा गया है कि एक बार भगवान आशुतोष शंकर जी ने देवताओं एवं मनुष्यो के हित के लिए असुर त्रिपुरासुर का वध करना चाहा और एक सो वर्षो तक तपस्या की। भगवान के मनोहर नेत्रों से आंसू गिरे उन्हीं आंसुओं से रुद्राक्ष के महान वृक्षों की उत्पति हुई| कहते हैं रूद्राक्ष को धारण करने वाला जातक हर तरह के अमंगल से दूर रहता है। कहते हैं, जो पूरे नियमों का ध्यान रख श्रद्धापूर्वक रुद्राक्ष को धारण करता है, उनकी सभी कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि जिन घरों में रुद्राक्ष की पूजा होती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है। यह भगवान शंकर की प्रिय चीज मानी जाती है।....
सूर्यग्रहण में इन राशियों का होगा फायदा, इनका नुकसान
आज सोमवती अमावस्या के साथ सूर्यग्रहण का दुर्लभ योग है। कहते हैं कि ऐसा योग सदियों में एक बार देखने को मिलता है। चूंकि आज सूर्य पर ग्रहण लगेगा यानी की सूर्य की शक्तियों पर थोडा विराम लगेगा। आप समझ सकते हैं कि जब ग्रहण से जब सूर्य ही कमजोर हो जाता है तो आमजन की तो क्या बिसात। यानी कि सूर्य ग्रहण से सभी राशियां प्रभावित होंगी। किस राशि पर क्या रहेगा असर आइए जानें- ....
आज है सोमवती अमावस्या, ये खास टोटके करने से बदल जाएगी आपकी किस्मत
सोमवार को आने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार सूरज और चन्द्रमा दोनों शक्तिशाली ग्रह अमावस्या के दिन एक राशि में आ जाते हैं यानी एक राशि में रहते हैं तब तक अमावस्या रहती है। चन्द्रमा सूरज के सामने निस्तेज हो जाता है यानी चंद्र की किरणें नष्ट प्राय हो जाती हैं। तंत्र शास्त्र के मतानुसार अमावस्या के दिन किए गए उपाय, जाप, दान और पूजा अर्चना अत्यन्त प्रभावशाली होती है और इसका फल भी शीघ्र ही प्राप्त हो जाता है। कहते हैं सोमवती अमावस्या के दिन यदि ये खास टोटके किए जाएं तो जातक की किस्मत भी बदल सकती है।....
जन्मकुंडली बता सकती है कि पिछले जन्म में आप क्या थे?
पिछले जन्म में आप क्या थे? क्या वाकई आप जानना चाहते हैं? क्या आप पुनर्जन्म के सिद्धांत को मानते हैं? पिछला या पुनर्जन्म होता है या नहीं? यह सवाल प्रत्येक व्यक्ति के मन में होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इन सब बातों का जवाब आपकी जन्मेकुंडली में लिखा होता है, केवल उसे पहचानकर पढने की है। ....
99 साल बाद होगा पूर्ण सूर्यग्रहण, अनिष्ट से बचने के लिए करें ये खास उपाय
कल यानी 21 अगस्त को साल का दूसरा सूर्यग्रहण पडेगा। इससे पहले 26 फरवरी को पहला सूर्य ग्रहण दिखाई दिया था। भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण रात में 9.15 मिनट से शुरु होगा और रात में 2.34 मिनट पर खत्म होगा। भारत में इस दौरान रात रहेगी तो यहां पर कहीं भी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। ऐसे में कुछ खास उपायों को आजमाने से ग्रहण का सूतक कम लगता है और अनिष्ट होने की आशंका भी कम हो जाती है। ....
धनी बनाते हैं ये चमत्कारी योग
हर कोई पैसे वाला बनना चाहता है, लेकिन यह नहीं जानता कि उसे करना क्यास है? फलित ज्योतिष के द्वारा कुछ धनदायक योग हैं, जिनको साधकर धन प्राप्ति हो सकती है। इन योगों में लग्नत के अनुसार पैसों का आगम होता है।....