जीवन की सभी परेशानियां होंगी दूर, करें केवल मंगल को प्रसन्न
रजोगणी प्रधान और रक्त वर्ण वाले मंगल ग्रह के शुभ स्थिति में होने पर जातक योग्य, साहसी, कुशल और सामथ्र्यवान हो जाता है। लग्न का स्वामी मंगल यदि शक्तिशाली हो तो जातक में उत्साह व आत्मविश्वास देखने को मिलता है। ऐसे जातक अपनी क्षमता से अधिक साहस पूर्ण कार्यों को सम्पन्न कर डालते हैं। यदि लग्न में मंगल अस्त या अशुभ दृष्टि वाला हो तो जातक गुप्त रोगी और क्रूर स्वभाव वाला हो जाता है। जन्म कुंडली के छठे, आठवें व बारहवें भाव में मंगल विपरीत फल देता है। वक्री व अस्त मंगल भी अशुभ फल देने वाला है। मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से जातक क्रोधी, निर्धन, गुप्त रोगी, दु:खी, अशांत, क्रूर और अपने उच्चाधिकारियों से प्रताडि़त होने वाला बना रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक का मंगल शांत हो तो वह पुलिस, सेना व प्रशासनिक सेवाओं को भोगता है लेकिन मंगल अशुभ हुआ तो वह जातक को गलत व अपराध कार्यों की ओर ले जाता है।....
क्या आप जानते हैं सोने-चांदी के गहने पहनने के भी होते हैं नियम
ज्योतिष में पैर-शनि का और सूर्य-सिर का प्रतीक है और ये परस्पर शत्रु माने जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य का सिर ठंडा और पैर गर्म रहने चाहिए। इसलिए सिर पर सोना और पैरों में चांदी के आभूषण ही धारण करने चाहिए। इससे सिर से उत्पन्न ऊर्जा पैरों में और चांदी से उत्पन्न ठंडक सिर में जाएगी। इससे सिर ठंडा व पैर गर्म रहेंगे। सिर में चांदी के व पैरों में सोने के आभूषण नहीं पहनने चाहिए। इससे स्त्रियां अवसाद, पागलपन या अन्य रोगों की शिकार बन सकती हैं। पैरों में सोने की पायल नहीं पहननी चाहिए, चांदी की पायल पहनने से पीठ, एड़ी व घुटनों के दर्द, रक्तशुद्धि, मूत्ररोग, हिस्टीरिया आदि रोगों से राहत मिलती है। ....
इन जानवरों को खाना खिलाने से आएंगे अच्छे दिन, मिलेगी दौलत और शोहरत
जिन लोगों की पुरानी संपत्ति उनके हाथ से निकल गई है या कई मूल्यवान वस्तु खो गई है तो ऐसे लोग यदि प्रतिदिन मछली को आटे की गोलियां खिलाते हैं तो उन्हें लाभ प्राप्त होता है। मछलियों को आटे की गोलियां देने पर पुरानी संपत्ति पुन: प्राप्त होने के योग बनते हैं और धनआगम के योग बनने लगते हैं।....
लक्ष्मीजी को रिझाने के लिए पहनें ये खास अंगूठी, बदल जाएगी किस्मत
कछुआ शांति, धैर्य, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है। लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए कछुआ लक्ष्मी जी का भी प्रिय होता है। ऐसे में लोगों को ऊर्जा व आत्मविश्वास के लिए कछुआ अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है। पुराणी कथाओं के अनुसार, कछुआ भगवान विष्णु का एक अवतार रहा है। कछुआ धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है। कछुए अंगूठी पहनते समय यह हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले की तरफ होना चाहिए। इससे घर में धन आने की संभावना बढ़ जाती है। यह बाहर का पैसा आपकी ओर आकर्षित करता होगा। कछुए के शेप की अंगूठी को सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी उंगली में पहनें।....
अगर करने जा रहे हैं लव मैरिज तो एक बार इसको जरूर पढ लें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रेम विवाह से संबंधित तीन ग्रह होते हैं। यह तीन ग्रह सूर्य, बुध और शुक्र हैं। इन तीनों ग्रहों के कारण व्यक्ति को प्रेम होता है। अगर यह तीनों ग्रह एक साथ एक ही भाव में स्थित हो तो वह व्यक्ति प्रेम विवाह निश्चित करता है।....
जन्मकुंडली के अनुसार करेंगे मित्रता, तो होगा हमेशा फायदा
कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, द्वितीय, पंचम, सप्तम व एकादश भाव और बुध ग्रह प्रमुख रूप से मित्रता के कारक होते हैं। कुंडली का सीधा संबंध भाव, ग्रह व राशियों से होता है। तीनों प्रकार के संबंध जीवन की दिशा तय करते हैं।
दो विभिन्न व्यक्तियों, प्रेमी-प्रेमिका, पति-पत्नी का आपसी संबंध राशियों के तत्व पर आधारित होता है।
मेष, सिंह व धनु राशियां अग्नि तत्व प्रधान अर्थात ये उग्र व गर्म मिजाज वाली राशियां होती हैं। वृष, कन्या व मकर राशियां भूमि या पृथ्वी तत्त्व प्रधान होने के कारण धैर्यशाली व ठंडे मिजाज वाली, मिथुन, तुला व कुंभ राशियां वायु तत्त्व प्रधान होने के कारण अस्थिर चित्त व द्विस्वभाव वाली होती हैं।
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लाल किताब के अनुसार शनि को मनाने हैं ये चमत्कारिक उपाय
भारतीय ज्योतिष के समान ही लाल किताब में भी शनि को दु:ख एवं अभावों का कारक ग्रह माना गया है, परन्तु ऐसा सदैव नहीं है, यदि शनि शुभ स्थिति में हुआ तो उच्चस्तरीय एवं स्थायी प्रगति देता है। ऐसा शनि इच्छाधारी नाग के समान है, जो सभी अभिलाषाओं को पूर्ण करता है। सूर्य से प्रभावित होने पर यह जहरीला हो जाता है। लाल किताब में शनि को पानी का सांप, बच्चे खाने वाला सांप, किस्मत लिखने का मालिक, विधाता की कलम, किस्मत को जगाने वाला, स्वयं विधाता जैसे संबोधनों से संबोधित किया गया है। सूर्य से पूर्ण दृष्टि संबंध होने पर शनि का प्रभाव तीन गुना मंदा हो जाता है। लाल किताब के अनुसार, शनि जिस भाव में स्थित है, उस स्थिति के अनुसार ही उपाय करना चाहिए।....
इस राशि के जातक एनिमेशन के क्षेत्र में बनाएं करियर तो सफलता उनके चूमेगी कदम
विदेशों की तर्ज पर अब भारत में भी एनिमेशन फिल्मों एवं सीरियलों का निर्माण पिछले कुछ वर्षों से बहुतायत में होने लगा है। अब तक लगभग 130 से अधिक एनिमेटेड फिल्में बन चुकी हैं। आज यह कारोबार 30 प्रतिशत वार्षिक वृद्धिदर से विकसित हो रहा है। पिछले दिनों प्रदर्शित माइटी राजू, चार साहिबजादे, मैं कृष्णा हूं, महाभारत, छोटा भीम, टूनपुर का सुपर हीरो, बाल गणेश, घटोत्कच, माई फ्रेंड गणेशा, हनुमान इत्यादि की लोकप्रियता ने एनिमेशन फिल्मों के भविष्य के उज्ज्वल होने का पूर्ण संकेत दे दिया है। आज एनिमेशन युवाओं में कॅरिअर के लिए स्वर्णिम क्षेत्र है। ....
सावन में इन 7 चीजों को घर में रखने भर से बरसती है महादेव की कृपा
इस सावन के समय में कोई भी सच्चे मन और भक्ति के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ति होती है। आज हम जानेंगे राशि अनुसार किस प्रकार भगवान शिव की आराधना करना हमारे लिए सबसे ज्यादा फलदाई होगा। पुराणों के अनुसार सावन में भोले शंकर की पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है। ....
कावड यात्रा के दौरान भूलकर भी नहीं करें ये 4 काम
भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कावड़ यात्रा भी एक श्रेष्ठ माध्यम है। कावड़
यात्रा का एक महत्व यह भी है कि यह हमारे व्यक्तित्व के विकास में सहायक
होती है। लंबी कावड़ यात्रा से हमारे मन में संकल्प शक्ति और आत्मविश्वास
जागता है। हम अपनी क्षमताओं को पहचान सकते हैं, अपनी शक्ति का अनुमान भी
लगा सकते हैं। यही वजह है कि सावन में लाखों श्रद्धालु कावड़ में पवित्र जल लेकर एक स्थान
से लेकर दूसरे स्थान जाकर शिवलिंगों का जलाभिषेक करते हैं। ऐसा माना जाता
है कि जब सारे देवता सावन में शयन करते हैं तो भोलेनाथ का अपने भक्तों के
प्रति वात्सल्य जागृत हो जाता है। ....
कालसर्प योग से हैं पीडित तो घबराएं नहीं, नाग पंचमी को करें 10 खास उपाय, दोष होगा तुरंत दूर
कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार का होता है, इसका निर्धारण जन्म कुंडली देखकर ही किया जा सकता है। प्रत्येक कालसर्प दोष के निवारण के लिए अलग-अलग उपाय हैं। यदि आप जानते हैं कि आपकी कुंडली में कौन का कालसर्प दोष है तो उसके अनुसार आप नागपंचमी के दिन उपाय कर सकते हैं। कालसर्प योग या कालसर्प दोष निवारण के कुछ उपाय, जिन्हें करने से आप पा सकते है इस दोष से छुटकारा-....
आज है नाग पंचमी, घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर कोयले या गौ माता के गोबर से नाग की मूर्ति बनाकर पूजन करें, फिर देखें जीवन में चमत्कार
भगवान शिव का स्वरुप अद्भुत है। संपूर्ण शरीर पर भस्म, जटाओं में पवित्र गंगा, भाल पर अर्ध चंद्रमा, गले में रुद्राक्ष और सर्पों की माला, हाथ में डमरू एवं त्रिशूल। जो भी उन्हें देखता है , मंत्रमुग्ध रह जाता है। नाग देवता भगवान शिव के गले का श्रृंगार होते हैं, इसलिए श्रावण मास में भगवान शिव के साथ-साथ शिव परिवार और नाग देवता की पूजन किये जाने का विधान है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि नाग पंचम के रूप में जानी जाती है। इस दिन पांच फन वाले नाग देवता की पूजा करके उन्हें चंदन, दूध, खीर, पुष्प आदि अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सर्प एवं नागों द्वारा काटे जाने का ख़तरा भी नहीं रहता है। ....
शनि से डरे नहीं करें, उनकी प्रिय चीजों का करें दान, शनिदेव आपकी किस्मत संवार देंगे
नौ ग्रहों में शनि एक मात्र ऐसा ग्रह है, जिसे सबसे क्रूर माना जाता है। शनि की साढ़े साती या शनि की ढैया का नाम सुनकर अच्छे-भले जातकों पर भी प्रतिकूल मनोवैज्ञानिक असर पड़ता है। यह सही है कि यदि शनि ग्रह मारकेश या अष्टमेश में हो जाए तो जातक के जीवन में अनिष्ट या अशुभ फल मिलते देखे गए हैं, लेकिन शनि के शुभ ग्रह से युत या दृष्ट होने से शनि की साढ़े साती या ढैया जातक पर कम कुप्रभाव देती है। कई बार जातक को लाभ भी मिलता है। ....
कमजोर चंद्र हो तो करें शिवोपासना, अच्छे दिन आने लगेंगे
पुरुषसूक्त के अनुसार चंद्रमा मनसो जातश्चयो: सूर्यों अजायत अर्थात चंद्रमा मन का कारक है और मन के नियंत्रण और नियमण में चंद्रमा का अहम योगदान है। पूजा अराधना में मन का भटकाव एक बड़ी बाधा बनकर खड़ा हो जाता है। उसे नियंत्रित करना सहज नहीं होता। भगवान शंकर ने चंद्रमा को मस्तक में दृढ़कर रखा है, इसीलिए सावन मास में भगवान शंकर की आराधना करने पर मन में ईश्वर के प्रति एकाग्रता का भाव जागृत होता है। चंद्रमा सोमवार के अधिपति है, इसीलिए शिव को सोमवार अति प्रिय है। श्रावण में सोमवार के दिन पूजा-आराधना का विशेष महत्व है। ....
जब कोई ना रहे कोई उम्मीद तो करें ये चमत्कारी उपाय, शर्तिया जिदंगी बदल जाएगी
जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम करने के सभी काम करते हैं लेकिन फिर भी सफलता या कामयाबी हमसे कोसों दूर चलती है। कभी कोई काम समय पर पूरा नहीं होता। ऐसे में केवल और केवल ज्यो तिष का ही सहारा नजर आता है। लाल किताब के अनुसार ऐसे कई प्रभावी उपाय बताए गए हैं जिनको अमल में लाने से जीवन आसान और सुखद हो जाता है।....