आज अमावस से शुरू हुए गुप्त नवरात्र, इन चमत्कारिक मंत्रों के जाप से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
आज से शुरू हुए नवरात्र 2 जुलाई तक चलेंगे। नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। इसमें विशेषकर तांत्रिक साधना, शक्ति साधना, महाकाल आदि की पूजा का महत्व होता है। इसमें बहुत ही कड़ी साधना और व्रत होता है। जिसके कारण उस साधक को दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति होती है। नवरात्र में भी गुप्त नवरात्र का खासा महत्त्व है। कहते हैं कि जो कोई भी इन नौ दिनों में सच्ची श्रद्धा के साथ दस महाविद्याओं में से किसी एक की भी पूजा-साधना करके घर में उसका यंत्र स्थापित करता है, उसकी मनोकामना शीघ्र पूरी होती है और घर में सुख-समृद्धि आ बसती है।....
अपनी राशि के अनुसार होगी पूजा-आराधना, तो नहीं रहेगी दौलत और शोहरत की कमी
प्रत्येक मनुष्य मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए अपने इष्ट देवी-देवता की पूजा अर्चना करता है। अपनी जन्म राशि के अनुसार यदि अपने इष्ट देवी-देवता की पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से आराधना की जाए तो जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। यहां हम समस्त बारह जन्म राशियों के अनुसार इष्ट देवी-देवता की आराधना करने के सम्बंध में चर्चा कर रहे हैं। ....
जब हों ऐसे योग तो भूलकर भी ना करें शादी, हो जाएंगे बरबाद
जोडिय़ां स्वर्ग में बनती हैं लेकिन कुछ बातें ऐसी भी होती हैं, जिनके होने पर विवाह को टालना चाहिए या इन परिस्थितियों में विवाह करने से बचना चाहिए, नहीं तो ऐसी शादी आपको बरबाद तक कर सकती है। ....
जमीन खरीदने से पहले इन वास्तु नियमों को देख लें, हो जाएंगे वारे-न्यारे
वास्तुशास्त्र मानव मात्र को यह बताता है कि गृह निर्माण में किन दोषों के कारण रोगों की उत्पत्ति संभव है। यदि इन दोषों से बचकर हम अपने घर का निर्माण कराएं तो हम निरोगी रह सकते हैं। महानगरों में वास्तुशास्त्र के सभी नियम लागू नहीं किए जा सकते, लेकिन ज्यादा से ज्यादा नियमों का पालन करना चाहिए।....
चंद उपायों से करे सकते हैं ग्रहों की चाल को अपने अनुकूल, बदल जाएंगे बुरे दिन अच्छे दिनोंं में
ग्रहों की दशा जहां जातक को सुकून देती है, वहीं अंतरदशा की स्थिति में जातक परेशान हो जाता है। कार्य अवरुद्ध होने लगते हैं, मनचाहे परिणाम नहीं मिलते। खराब समय में अगर धैर्य के साथ सभी ग्रहों की शांति का रास्ता खोजा जाए और उसके लिए ज्योतिषीय उपाय किए जाएं तो परिणाम सकारात्मक आ सकते हैं। ....
वास्तु के कुछ खास नियम आपको बना सकते हैं करोडपति, एक बार कर लें चैक
जिस दिशा से सूर्य देवता उदय होते हैं वह पूर्व दिशा है। इस दिशा के स्वामी इंद्र भगवान हैं। पूर्व दिशा अग्नि तत्व है, जिसे कभी भी बंद नहीं करना चाहिए। इसे बंद करने से वहां रहने वालों को कष्ट, अपमान, ऋण और पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। दक्षिण को सदैव बंद रखना ही शुभ माना जाता है। यदि इस दिशा में खिड़की हों तो उन्हें बंद रखना चाहिए। इस दिशा में कभी भी पैर करके नहीं सोना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी भवन अथवा स्थान की दृष्टि से एक मध्य स्थान और आठ दिशाएं होती हैं। इन सभी दिशाओं का अपना अलग-अलग महत्व है। आइए इन्हें समझे और जानें इनके बारें में- ....
आपके सपने भी बताते हैं कल क्या होने वाला है, जरूरत केवल समझने की है
यदि स्वप्न लाल पुष्प, तलवार, ब्राह्मण बालक, सरोवर, सूर्य-चंद्र, इंद्रधनुष, फल-फूल युक्त बगीचा, नीम, नारियल, घोड़ा, दही-दूध, मिष्ठान से बनी खीर, जल से भरा कलश, किसी की अर्थी देखना, सुगंध लगाना दिखाई दे तो ये शुभ स्वप्न की श्रेणी में आते हैं लेकिन यदि सपने में अग्नि, विधवा स्त्री, एक्सीडेंट, गले का फोड़ा, कलश का टूटना, सीसा का टूटना, रक्त वर्षा, मैले-कुचले व्यक्ति देखना, सुअर, बैल, सियार, नंगी स्त्री, स्वयं के शरीर पर तेल लगाना अशुभता का प्रतीक होते हैं। प्राचीन काल से ही स्वप्न को शुभ व अशुभता का प्रतीक माना जाता था।
ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय से ठीक पहले देखा गया स्वप्न तत्काल और सूर्योदय के बाद देखा गया स्वप्न दो सप्ताह में फलित होता है। सायंकाल के स्वप्नों का फल तीन सप्ताह, रात्रि के प्रहर के प्रथम प्रहर का स्वप्न सवा साल में, दूसरे प्रहर का स्वप्न एक वर्ष में और तीसरे प्रहर का स्वप्न तीन दिन, तीन माह या तीन साल में फलित होता है।
सभी तरह के स्वप्नों को एक व्याख्या में वर्णित नहीं किया जा सकता क्योंकि कुछ स्वप्न अजीर्णता, मानसिक उत्तेजना या दबी हुई मनोवृति के कारण दिखाई देते हैं तो कुछ सामान्यवस्था और गहरी निद्रा में ही आते हैं। क्या होते हैं सपनों के इशारे और उन्हें राशिवार समझकर किस तरह भविष्यज्ञान किया जाता है जानें जरा-
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शिव पूजा में इन चीजों के ध्यान से मिलेगी महादेव की विशेष कृपा, नहीं रूकेंगे कोई काम
शिव यूं तो शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं लेकिन कुछ खास बातों का ध्यान रखकर यदि पूजा अर्चना की जाए तो महादेव तुरंत मेहरबान होने लगते हैं, जिससे आपका कोई भी काम नहीं रूकता और आप जीवन में कामयाब होते चले जाते हैं।....
पुराणों के अनुसार इन तीन ऋणों से मुक्ति से आएगी जीवन में खुशहाली और सम्पन्नता
ऋणों के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे स्वयं के अलावा पूर्वजों के ऋणों के भार भी पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलता रहता है जब तक कि उनका मार्जन ना हो जाए। ....
अगर कहीं घूमने जा रहे हैं तो इसको जरूर पढ लें, नहीं तो मुसीबत में पड सकते हैं
मुहूर्त चिन्तामणि के यात्रा प्रकरण में यात्रा से सम्बन्धित अनेकानेक विवेचनाएं की गई है। यदि शुभ समय, तिथि, वार में हम यात्रा का प्रारम्भ करें तो निश्चय ही हम विकट समस्याओं से बच सकते हैं यात्रा को और भी मंगलमय बना सकते हैं।....
21 को होंगे शनि वक्री, कुछ राशियों की होगी बल्ले -बल्ले, कुछ का बंटाधार
आज से ठीक दो दिन बाद यानी 21 जून को शनिदेव वक्री होकर धनु राशि से वृश्चिक राशि में भ्रमण करेंगे। इस राशि में शनिदेव 26 अक्टूबर तक रहेंगे। इस दौरान गोचरवश सभी राशियों पर अच्छा या बुरा असर पडेगा। कुछ राशियां रहेंगी फायदे में तो कुछ को नुकसान भी होगा। आइए देखे राशियों का भविष्य -....
इन शुभ मुहूर्तों में किया काम होता है शर्तिया सफल, एक बार परख लें
ज्योतिष शास्त्र में किसी भी काम शुरुआत से शुभ और अशुभ तिथियां देखना आवश्यक है। किसी भी काम की शुरुआत यदि सही मुहूर्त में हो तो सफलता की संभावना बढ जाती है। आइए जाने शुभ-अशुभ तिथियों और उनके स्वामियों के बारे में-....
20 जून को है योगिनी एकादशी, यानी हजारों ब्राहम्णों को भोजन कराने समान फल
इस महीने की 20 तारीख यानी परसो पूरा देश योगिनी एकादशी मनाएगा। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु के निमित्त योगिनी एकादशी करने का विधान है। सभी एकादशियों में नारायण समतुल्य फल देने का सामर्थ्य है। कहते हैं कि इस एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्राहम्णों को भोजन कराने के समान फल मिलता है। ....
राहु के होंगे ऐसे योग, तो लव मैरिज को कोई नहीं रोक सकता
जब राहु लग्न में हों परन्तु सप्तम भाव पर गुरु की दृ्ष्टि हों तो व्यक्ति का प्रेम विवाह होने की संभावनाए बनती है। राहु का संबन्ध विवाह भाव से होने पर व्यक्ति पारिवारिक परम्परा से हटकर विवाह करने का सोचता है। ....
नागेश्वर की 15 दिन पूजा, घर भर जाएगा पैसे और दौलत से
नागेश्वर को प्रचलित भाषा में ‘नागकेसर’ कहते हैं। काली मिर्च के समान गोल, गेरु के रंग का यह गोल फूल घुण्डीनुमा होता है। मां लक्ष्मी को नागकेसर प्रिय है। इसके पूजन से केवल 15 दिनों में घर में लक्ष्मी बरसने लगती है। कुछ ऐसे उपाय आपको बताते हैं जो चमत्कारी तो हैं ही तुरंत फल देने वाले भी हैं। ....