कौनसी कुंडली सटीक - हस्तलिखित या कंप्यूटराइज्ड्
आज के दौर में जब हर चीज पर नए युग की छाप है तो इससे जन्म कुंडली कैसी बच सकती है? ज्याेदातर लोग अपनी या बच्चोंय की जन्मेकुंडली कंप्यू्टर से बनवाना पसंद करते हैं। कितनी सटीक होती हैं कंप्यूपटर से बनी कुंडलियां? कितनी असरकारक होती हैं हस्तलिखित कुडलियां? ....
हर काम में सफल होने और व्यापार में लाभ के लिए करें चंद्र देव की ऐसी उपासना
स्वास्थ्य, सौंदर्य, प्रेम, सम्मान और पारिवारिक सुख व शांति के लिए चंद्र देव की उपासना की जाती है। जीवन में मानसिक कष्ट के निवारण, कार्य सिद्धि और व्यापार में लाभ के लिए कम से कम दस और अधिक से अधिक 54 सोमवार को चंद्र देव का व्रत रखते हुए नमक रहित भोजन करना चाहिए।....
देवकी के आठवीं संतान थी योगमाया, इस देवी की पूजा से होती हैं सभी इच्छाएं पूरी
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार वासुदेव और देवकी के आठवीं संतान के रूप में श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस के कारागार में जन्म लिया तो वहीँ नन्द और यशोदा के यहां महायोगिनी योगमाया ने जन्म लिया। योगमाया ने इसके बाद अपने लिए उस स्थान को रहने के लिया चुना, जहां आज विंध्यवासिनी मंदिर है। महायोगिनी महामाया के विंध्याचल पर्वत पर रहने के कारण उनका नाम विंध्यवासिनी देवी कहलाया।....
अपनी बुरी दशा और संकटों को दूर करने के लिए करें इस देवी की आराधना
जब मनुष्य की दशा ठीक होती है तब उसके सब कार्य अनुकूल होते हैं लेकिन जब यह प्रतिकूल होती है तो ज्या दा परेशानी होती है। इसी दशा को दशा भगवती या दशा माता कहा जाता है। इस बार यह व्रत 23 मार्च, गुरूवार को है। ....
घट स्थापना के समय ध्यान रखें ये 5 वास्तु नियम, बदल देंगे किस्मत
माता आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि मंगवार से शुरू हो रहा है। नवरात्रि में घट (कलश या छोटा मटका) स्थापना व नौ दिनों तक जलने वाली अखंड ज्योत भी जलाई जाती है। घट स्थापना करते समय यदि वास्तु नियमों का पालन भी किया जाए तो और भी शुभ होता है। ....
चैत्र नवरात्रि से जुडे कुछ राज, घट स्थापना का क्या है वैज्ञानिक आधार???
चैत्र नवरात्रि 2017 पर्व इस वर्ष 28 मार्च को मनाएं या 29 मार्च 2017 को इसको लेकर काफी चर्चाएं हैं। शास्त्रोक्त सत्य जानने का प्रयास करें। क्या है घट स्थापना के वैज्ञानिक राज, जानें जरा-....
अगर परिजनों के साथ आपके रिश्ते खराब होने लगे हैं तो समझो ये ग्रह कर रहे हैं गडबड
जीवन में कई बार ना चाहते हुए भी अपनों से ही नाराजगी होने लगती है। ये सब कुछ ऐसे ही नहीं होता इसके पीछे अशुभ ग्रहों का खेल होता है। आइए जानें कि किस रिश्ते में गडबड होने पर किस ग्रह का योगदान रहता है। ....
कहीं आपकी कुंडली में केमद्रुम दोष तो नहीं??? करें ये उपाय
यदि किसी भी जातक की जन्म कुंडली में चन्द्रमा किसी भी भाव में अकेला बैठा हो, उससे आगे और पीछे के भाव में भी कोई ग्रह न हो तो केमद्रुम दोष बनता है। कुछ विद्वानों का मत है कुछ खास उपायों को करने से केमद्रुम योग भंग या निष्क्रिय भी हो जाता है। ....
ये चमत्कारी 20 संकेत बताते हैं कि लक्ष्मी की मेहरबानी होने वाली है
प्रकृति कई बार धनप्राप्ति के संकेत देती है लेकिन हम उनको प्रहचान नहीं पाते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में जो लक्ष्मी (धन) आगमन के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं। ....
आने वाले कल के बारे में जानना चाहते हैं, तो जगाएं अपना आज्ञाचक्र
आज्ञाचक्र के साधक सदा निरोग, सम्मोहक और त्रिकालदर्शी माने जाते हैं। कुंडलिनी के इसी आज्ञा चक्र को योग साधनाओं द्वारा जागृत करके किसी भी व्यक्ति का वर्तमान, भूत और भविष्य देखा जा सकता है। ....
कर्ज मुक्ति के लिए प्रतिदिन रखें रसोई में भरी हुई बाल्टी, ऐसे ही कुछ उपायों से चमकेगी तकदीर
जीवन में कई बार काफी कुछ करने के बाद भी मनचाही सफलता नहीं मिलती। ऐसे में कुछ खास उपायों की मदद लेकर अपनी तकदीर को चमकाया जा सकता है। ....
कल है शीतलाष्टामी, लक्ष्मी स्वरूपा देवी को मनाने से सबकुछ मिलेगा
माता का पूजन करने से सकारात्मकता का संचार होता है। मस्तक पर तिलक लगाने का मतलब है अपने दिमाग को ठंडा रखो। जल्दबाजी से काम न लो। विवेक और समझदारी से ही फैसला लो। क्रोध, तनाव और चिंता को पीछे छोड़कर वर्तमान को संवारो। ....
राहू ग्रह के राज जान लोगे तो हो जाएंगे वारे-न्यारे
आप खुद नहीं जानते की आप आने वाले कुछ घंटों में क्या करने वाले हैं या कहां जाने वाले हैं तो इसमें निस्संदेह राहू का आपसे कुछ नाता है | राहू से जडे कुछ राज को जानें- ....
इस चमत्कारी चक्र के प्रयोग से सोई किस्मत भी जाग जाती है....
लक्ष्मी और कुबेर को प्रिय एक खास चमत्कारी चक्र आपकी किस्मत भी बदल सकता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है-....
क्या आप जानते हैं कौन हैं आपके इष्ट देव? जन्मदिन, माह और बोलते नाम से पहचानें अपने इष्ट को
शास्त्रों की मान्यतानुसार अपने इष्ट देव की आराधना करने से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। आपके आराध्यी इष्ट देव कौन से होंगे इसे आप अपनी जन्म तारीख, जन्मदिन, बोलते नाम की राशि या अपनी जन्म कुंडली की लग्न राशि के अनुसार जान सकते हैं। ....