भूत-प्रेतों के ऐसे रहस्य जो बहुत कम लोग जानते हैं? ? ?
भूत-प्रेतों का शरीर में वायु तत्व की अधिकता होती है। वायु तत्व को देखना मनुष्य के लिए संभव नहीं है क्योंकि वह गैस रूप में होता है इसलिए इसे केवल आभास किया जा सकता है देखा नहीं जा सकता।....
अंजान व्यक्ति के पैर नहीं छूएं, हो सकता है खतरनाक
शास्त्रों के अनुसार चरण स्पर्श करना संस्कारवान और श्रेष्ठ योगजन होने का संकेत हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि किसी अंजान व्यक्ति के पैर छूना आपको मुसीबत में डाल सकता है। शास्त्रों के अनुसार चरण स्पुर्श करते समय नखों को छूना जरूरी है ऐसे में किसी अधर्मी व्य।क्ति के पांव छूना आपको पाप का भागीदार बना सकता है। आइए जानें नमस्कार के मायने और महत्व- ....
जब गुरू कुंडली के 12 भावों में करे यात्रा, क्या शुभ-अशुभ हो सकता है?
देवों के देव गुरूदेव जब राशि के सभी भावोें में भ्रमण करता है तो कई तरह के योग बनते हैं, कुछ अच्छे भी और कुछ बुरे भी। आइए देखें गुरू का भावों में भ्रमण का प्रभाव-....
कुंडली में हों ऐसे योग हों, तो सरकारी नौकरी लगना तय है
सरकारी नौकरी का निर्धारण व्यक्ति की योग्यता, शिक्षा, अनुभव के साथ-साथ उसकी जन्म कुंडली अनुसार ग्रह योगों के कारण भी होता है। सरकारी जॉब प्राप्त करने के लिए जन्म कुंडली में निम्न योगों का होना अनिवार्य माना जाता है-....
कुंडली में पितृदोष हो तो घबराएं नहीं, करें ये सर्वसिद्ध उपाय
हमारे पूर्वज, पितर जो कि अनेक प्रकार की कष्टकारक योनियों में अतृप्ति, अशांति, असंतुष्टि का अनुभव करते हैं या उनकी सद्गति या मोक्ष किसी कारणवश नहीं हो पाती। उनकी भटकती हुई आत्माओं की संतानों से अनेक आशाएं होती हैं। यदि उनकी उन आशाओं को पूर्ण किया जाए तो वे आशीर्वाद देते हैं। यदि पितर असंतुष्ट रहे तो संतान की कुण्डली दूषित हो जाती है एवं वे अनेक प्रकार के कष्ट, परेशानियों का सामना करते हैं, सबकुछ उलटा-पुलटा होने लगता है। आइए जानें पितरों को शांत करने के उपाय- ....
इस घास का तिलक रोज लगाने से बनने लगते हैं धन के महायोग
धार्मिक ग्रंथो एवं पुराणों में दुर्वा घास को बहुत ही चमत्कारिक माना गया है। सफेद गाय का दूध तथा दुर्वा घास को मिलाकर उसका तिलक करने से भी धन का योग बनता है तथा व्यक्ति को धन प्राप्ति होती है।....
उपहार में मिला जूता पहनना बरबादी को न्योेता देना है
ज्योतिष के अनुसार जूते शनि ग्रह से जुडे हुए हैं। इसलिए ही शनि दोष होने पर व्यक्ति को जूते दान करने के लिए कहा जाता है। कई बार जूतों के कारण ही हमारे बनते काम बिगड़ जाते हैं और हम इस बात से अंजान रहते हैं। यदि हमें इस बात का ज्ञान हो जाए कि कहां, कब, कैसे और कौन से जूते पहनकर जाना चाहिए तो दुर्भाग्य सौभाग्य में परिवर्तित हो सकता है। ....
नवरात्र में मिलें, ऐसे संकेत तो समझिए कि भाग्य खुलने वाले हैं
चैत्र नवरात्र समापन की ओर है। यूं तो साल में चार बार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र नवरात्र अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पुराणों के अनुसार इन नवरात्रों के दौरान अगर आपको कुछ खास संकेत मिलने लगें तो समझ लों कि मां लक्ष्मी के साथ समस्त दुनिया की शक्तियां आप पर मेहरबान हैं।....
ज्योतिष कहती है कुछ आदत बदल लो, किस्मत बदल जाएगी
घर के बुजुर्ग जब हमें कोई सीख देते हैं तो कभी-कभी हम उन्हें इग्नोर कर देते हैं। इसका खामियाजा भी हम उठाते हैं। ज्योतिष भी कुछ-कुछ ऐसी ही सीखों से जुडा हुआ है। इसके अनुसार यदि हम कुछ खास आदतों को बदल लें तो सभी ग्रह हमारे पक्ष में काम करने लगते हैं और हमारे भाग्य को मजबूती देने लगते हैं। कुछ ऐसी ही आदतों करें अपनाने की कोशिश-....
आप जानते हैं कि कौनसी दिशा है शुभ और कौनसी अशुभ?
अगर आप घर या कार्यस्थल में इन दिशाओं के लिए बताए गए वास्तु सिद्धांतों का अनुपालन करते हैं, तो इसका सकारात्मक परिणाम आपके जीवन पर होता है। इन आठ दिशाओं को आधार बनाकर आवास या कार्यस्थल एवं उनमें निर्मित प्रत्येक कमरे के वास्तु विन्यास का वर्णन वास्तुशास्त्र में आता है।....
इस खास गणेशजी की पूजा से होते हैं चमत्कार
जिस घर में श्वेतार्क की जड़ रहेगी, वहां से दरिद्रता स्वयं पलायन कर जाएगी। यह पौधा मनुष्य के लिए देव कृपा, रक्षक एवं समृद्धिदाता है। शास्त्रों में तो यहां तक लिखा है कि सफेद आक से बने गणेशजी की पूजा की जाए तो जीवन चमत्कांरों से भर जाता है। ....
नवरात्र के पहले शुक्रवार को करें ये पांच उपाय, कुबेर और मां लक्ष्मी कभी नहीं छोडेंगे आपका साथ
कहते हैं कि नवरात्र के पहले शुक्रवार को कुछ खास उपाय किए जाएं तो तुरंत चमत्कार दिखाते हैं। इनको करने से कभी कुबेर और मां लक्ष्मी दूर नहीं जाते।....
हिमाचल के इस मंदिर में पति-पत्नी का एकसाथ दर्शन करना मना है
आपको बता रहे हैं दुनिया का ऐसा मंदिर जहां पति-पत्नी दोनों साथ में दर्शन नहीं कर सकते। अगर पति-पत्नी साथ में दर्शन किए तो उनको सजा भुगतनी पड़ती है।....
नौ दिन, नौ माताओं की पूजा, जीवन को चमत्कारों से भर देंगी
पवित्र और उपवास में रहकर इन नौ दिनों में की गई हर तरह की साधनाएं और मनकामनाएं पूर्ण होती हैं। अपवित्रता से रोग और शोक उत्पन्न होते हैं। नौ पवित्र रात्रियों अनुसार माता के नौ रूपों का पुराणों में वर्णन मिलता है। ....
नव संवत्सर की करें ऐसे शुरूआत कि हर दिन खुशियों से भरा रहे
नवसंवत्सर आरंभ के दिन नूतन वर्ष के पंचांग की पूजन, पंचांग का फल श्रवण, पंचांग वाचन और पंचांग का दान करने का उल्लेख धर्मशास्त्र में लिखा है। यह परंपरा आज भी गाँव-गाँव में प्रचलित है, गांव गुरु, गांवठी, पुरोहित आदि गांवों में पंचांग वाचन करते हैं। विद्वान का पूजन-अर्चन, ब्राह्मणों को भोजन, दक्षिणा वस्त्रादि से अभिनंदन करे।....