Astrology Articles

  • इन नक्षत्र और योगों में किया काम तो हो जाओगे निहाल
    कहा जाता है कि ग्रह से बडा नक्षत्र होता है और नक्षत्र से भी बडा नक्षत्र का पाया होता है। हर नक्षत्र अपने अपने स्वभाव के जातक को इस संसार मे भेजते है और नक्षत्र के पदानुसार ही जातक को कार्य और संसार संभालने की जिम्मेदारी दी जाती है। ....

  • मोरपंख के इन टोटकों से लक्ष्मी रहेगी सदा प्रसन्न
    हिंदू धर्म में मोर को धन की देवी लक्ष्मी के साथ जोडक़र देखा जाता है। लक्ष्मी सौभाग्य, खुशहाली, विनम्रता और धैर्य का प्रतीक मानी जाती हैं इसलिए लोग मोर के पंखों का प्रयोग लक्ष्मी की इन्हीं विशेषताओं को हासिल करने के लिए करते हैं। ....

  • पितृदोष का प्रभाव कम करने के कुछ सामान्य उपाय
    आमतौर पर पितृदोष का प्रभाव कम करने के लिए कई खर्चीले उपाय बताए जाते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे कई आसान, सस्ते व सरल उपाय बता रहे हैं जिनसे पितृदोष प्रभाव कम हो सकता है। कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाना चाहिए और रोजाना उनकी पूजा करनी चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। ....

  • इन चीजों को करने से नहीं रहेगी कभी पैसों की कमी
    कई बार ऐसा देखने में आया है कि न चाहते हुए भी कुछ लोग पैसों की कमी की मार झेलते रहते हैं और उसके पीछे का कारण नहीं समझ पाते हैं। वास्तुा और ज्योहतिष के अनुसार घर में कुछ ऐसी बातें होती हैं जिन पर यदि अंकुश लगवाया जाए तो जातक को कभी पैसों की कमी नहीं आती। पेश हैं कुछ ऐसे ही उदाहरण - ....

  • मांगलिक शब्द से डरे नहीं, कुछ आसान उपायों से होता है मांगलिक दोष दूर
    मांगलिक शब्द का अर्थ कुछ अलग है लेकिन अपने निजी स्वार्थ हेतु कुछ ज्योतिष मित्र इसे राइ का पहाड़ बन देते हैं। भोले-भाले लोग इस पर तुरंत भरोसा करके बड़े भयभीत होते हैं। मंगल शब्द सुनने में इतना मीठा और सुन्दर हैं, क्या वह किसी का बुरा या अमंगल कर सकता हैं? सामान्यतया मंगल शुभ कार्यों में,आशीर्वाद देने में प्रयुक्त होता हैं। ऐसे जातकों की जब शादी की बात आती है, तो मानों इन्होंने जन्म लेकर कोई बड़ा पाप कर दिया हो। ऐसे में कई बार मांगलिक जातकों को अपमान भी महसूस होता है। हम यह बात नहीं भूल सकते की बड़े-बड़े वीर भी मांगलिक थे। ज्योतिशास्त्र में कुछ नियम बताए गये हैं जिससे वैवाहिक जीवन में मांगलिक दोष नहीं लगता है, आइए इसे समझें—....

  • पांच ऐसे वास्तु दोष जातक को आत्महत्या करने तक के लिए कर देते हैं मजबूर
    वास्तु के अनुसार कुछ ऐसे घातक दोष भी हाते हैं जो जातक के अपनी जिंदगी से हाथ धोने के लिए भी विवश कर देते हैं। आइए जानते हैं ऐसे घातक दोषों और निवारण के बारे में—....

  • श्राद्ध पक्ष में काले तिल, शहद और कुश का है चमत्कारिक महत्‍व
    काले तिल, शहद और कुश को तर्पण व श्राद्धकर्म में सबसे जरूरी हैं। माना जाता है कि तिल और कुश दोनों ही भगवान विष्णु के शरीर से निकले हैं और पितरों को भी भगवान विष्णु का ही स्वरूप माना गया है। गरुड़ पुराण के अनुसार तीनों देवता ब्रह्मा, विष्णु, महेश कुश में क्रमश: जड़, मध्य और अग्रभाग में रहते हैं। इनका उपायोग कर हम पितरों को भी प्रसन्न कर सकते हैं।....

  • ब्रह्म स्थान को दें पूरा स्थान, हो जाएंगे वारे-न्यारे, नहीं रहेगी दौलत की कमी
    वास्तु् शास्त्र में ब्रह्म स्थान और ब्रह्म स्थल का खासा महत्व है। कहते हैं कि घर में ब्रह्म स्थान को महत्व‍ देते हुए काम किए जाएं तो भवन मालिक के वारे-न्यारे हो सकते हैं। कभी भी ब्रह्म स्थान को ढककर रखना मुसीबतों को न्योता देना माना जाता है-....

  • दुश्मन को बर्बाद कर सकते हैं ये चमत्कारी टोटके
    जीवन में न चाहते हुए भी शत्रु इकट्ठे हो जाते हैं। अगर आप समय रहते दुश्मन से बचाने की उपाय नही करते तो आपको भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, अगर आप दुश्मन को तबाह करने के टोटके करते हैं तो आपको काफी हद तक उनसे छुटकारा मिल सकता है।....

  • ऐसे अचूक टोटके जो कभी नहीं हुए फेल, एक बार आजमाकर देखो
    पुराने जमाने में लोग किसी भी काम को पूरा करने से पहले टोटकों का प्रयोग करते थे। उनका मानना था कि उन टोटकों से उनके काम बनेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान हो जायेगा। इसके लिए लोग घर से निकलते ही कुछ चीजों को अपने साथ लेकर निकलते थे। उनकी मान्यताओं के अनुसार ऐसे उपाय या टोटके उनके काम को किसी भी हाल में असफल नहीं होने देते थे।....

  • पितृदोष होने पर भूत-प्रेतों का भय करें ऐसे दूर
    कई बार लोगो की असामयिक मृत्यु होने पर या दुर्योग संयोग होने पर पितृदोष होने पर भी भूत-प्रेतों का भय हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार जिसके यहां खून के रिश्ते में कोई पानी में डूब गया हो या अग्नि द्वारा जल गया हो या शस्त्र द्वारा मौत हो गई हो या कोई औरत तड़प-तड़प कर मर गई हो या मारी गई हो, उनको प्रेत-दोष भुगतना पड़ता है और कई बार तो बाहरी भूत प्रेतों का भी असर हो जाता है। जैसे किसी समाधि या कब्र का अनादर अपमान किया जाए या किसी पीपल-बरगद जैसे विशेष वृक्ष के नीचे पेशाब आदि करने से यह दोष शुरू हो जाता है। कई बार किसी शत्रु द्वारा किए कराए का असर भी होता है। ऐसे में ज्योयतिषी और विद्वानों की मदद लेना ही कारगर उपाया बताया गया है।....

  • अनुभव पर आधारित 30 ऐसे आसान सूत्र जो बदल देंगे आपकी जिदंगी
    जीवन को खुशनुमा बनाने और सुख-समृद्धि से भरने के लिए शास्त्रोंक में यूं तो ढेरों बातें बताई गई हैं लेकिन कुछ बाते विद्वानों और पंडितों के अनुभवों की भी हैं जो कि इतनी सटीक बैठती हैं कि व्य क्ति निहाल हो जाता है। आपको ऐसी भी अनभुवों पर आधार 30 ऐसी बातें बताई जा रही हैं, जिन्हें अपनाने से न केवल आपको जीवन में तुरंत लाभ मिलने लगेगा बल्कि प्रतिकूल ग्रह भी अनुकूल होने लगेंगे। ये बेहद सरल और आम उपयोग में ली जाने वाली बातें हैं- ....

  • जीवन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा, कहीं आपका चंद्रमा नीच का तो नहीं चल रहा है?
    जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति और उस पर दूसरे ग्रहों के प्रभावों के आधार पर इस बात की गणना करना बहुत आसान हो जाता है कि मनुष्य की मानसिक स्थिति कैसी रहेगी। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में चंद्र का उच्च या नीच होना व्यक्ति के स्वभाव और स्वरूप में साफ दिखाई देता है। अगर आपके साथ कुछ ऐसा घटित हो रहा है तो समझिए आपका चंद्र नीच का चल रहा है-....

  • इस तीर्थस्थल पर अगर किए श्राद्ध कर्म तो पितरों को मिलेगी शांति, देंगे आशीर्वाद
    कहा जाता है कि गया में यज्ञ, श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान करने से मनुष्य को स्वर्गलोक एवं ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है, गया के धर्म पृष्ठ, ब्रह्म सप्त, गया शीर्ष और अक्षय वट के समीप जो कुछ भी पितरों को अर्पण किया जाता है , वह अक्षय होता है. गया के प्रेत शिला में पिंड दान करने से पितरों का उद्धार होता है। पिंड दान करने के लिए काले तिल, जौ का आटा , खीर, चावल, दूध, सत्तू आदि का प्रयोग किये जाने का विधान है।....

  • धन-धान्य में करनी है तेजी से बढोतरी तो करें इस देव की पूजा
    दरिद्रता को दूर करने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को धन की देवी महा लक्ष्मी के साथ गणेश जी का पूजन करना चाहिए। गणेश जी के पूजन से कष्ट, बाधा, रोग और लिए हुए ऋण से शीघ्र मुक्ति मिलती है, धन-धान्य की वृद्धि होती है तथा जीवन में आनंद, विजय आरोग्य और संतान सुख प्राप्त होता है।....

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