जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें!

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
* मासिक कृष्ण जन्माष्टमी - 22 दिसम्बर 2024, रविवार
* मासिक कृष्ण जन्मोत्सव - 00:05 से 00:58, 23 दिसम्बर 2024
* कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ - 14:31, 22 दिसम्बर 2024
* कृष्ण अष्टमी समाप्त - 17:07, 23 दिसम्बर 2024
श्रीविष्णु के विविध स्वरूपों की नामावली का प्रतिदिन प्रात: स्मरण करने से कामयाबी के रास्ते खुल जाते हैं...
अच्युतं, केशवं, राम, नारायणं, कृष्ण, दामोदरं, वासुदेवं हरे।
श्रीधरं, माधवं, गोपिका वल्लभं, जानकी नायकं श्री रामचन्द्रं भजे।।
श्रीकृष्ण के भक्त प्रत्येक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मासिक श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाते हैं, श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर बच्चों को श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप  में सजाया-संवारा जाता है. जीवन में विविध उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है, इसी क्रम में जीवन में खुशियों के लिए बाल स्वरूप श्रीकृष्ण की पूजा करें.
धर्मधारणा के अनुसार... जीवन में सांसारिक समस्याओं से मुक्ति चाहिए तो श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना सर्वोत्तम है.
जीवन में अलग-अलग तरह की समस्याओं, परेशानियों से मुक्ति के लिए श्रीविष्णु के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है...
श्रीहरि के नाम जाप से पाप मुक्ति मिलती है, प्रजापति के नाम जाप से मंगल कार्य सम्पन्न हो जाते हैं, चक्रधर की आराधना से विजय प्राप्त होती है, त्रिविक्रम के स्मरण से उद्देश्यपूर्ण यात्राएं सफल होती हैं, श्रीविष्णु के नाम जाप से औषधि का प्रभाव बढ़ जाता है, दामोदर के स्मरण से बंधन-मुक्ति मिलती है. नृसिंह का नाम शत्रुओं के षड्यंत्र से रक्षा करता है, ऋषिकेश का नाम भयमुक्त करता है, श्रीराम पूजन विजय देने वाला है, वासुदेव का स्मरण प्राकृतिक प्रकोपों से बचाता है, सर्वेश्वर का स्मरण सार्वजनिक जीवन में सफलता प्रदान करता है, बलभद्र का नाम जाप निर्विघ्न कार्य सिद्धि प्रदाता है.

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