बृहस्पति की पूजा करने से होते है ...

गुरू ग्रह ज्योतिष के नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। जीवन में हर क्षेत्र में सफलता के पीछे गुरू ग्रह की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। कुंडली में अगर गुरू मजबूत हो तो सफलता का कदम चूमना बिल्कुल तय है। सफलता के पीछे सकारात्मक उर्जा का होना अहम होता है और यही काम गुरू करते हैं। गुरू जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक उर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं। अपने सकारात्मक रूख के चलते व्यक्ति कठिन से कठिन समय को आसानी से सुलझा लेता है। यदि कुंडली में गुरू ग्रह (बृहस्पति) से संबंधित कोई दोष हो तो उसकी शांति के लिए गुरूवार को विशेष पूजा किया जाता है। बृहस्पति देवताओं के गुरू भी हैं। गुरू वैवाहिक जीवन व भाग्य का कारक ग्रह है।

यहां जानिए बृहस्पति ग्रह की पूजा के 5 उपाय, जिनसे इस ग्रह के दोषों को दूर किया जा सकता है...

1. गुरूवार को गुरू ग्रह के निमित्त व्रत रखें। जिसमें पीले वस्त्र पहनें व बिना नमक का भोजन करें। भोजन में पीले रंग की खाद्य पदार्थ जैसे बेसन के लड्डू, आम, केले आदि शामिल करें।

2. गुरू बृहस्पति की प्रतिमा या फोटो को पीले वस्त्र पर विराजित करें। इसके बाद पंचोपचार से पूजा करें। पूजन में केसरिया चंदन, पीले चावल, पीले फूल व भोग में पीले पकवान या फल अर्पित करें। आरती करें।

3. गुरू मंत्र का जप करें- मंत्र- ओम बृं बृहस्पते नम:। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।

4. गुरू से जु़डी पीली वस्तुओं का दान करें। पीली वस्तु जैसे सोना, हल्दी, चने की दाल, आम (फल) आदि।

5. शिवजी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
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