होलाष्टक में क्यों नहीं करते कोई महत्वपूर्ण काम, किसकी पूजा करनी चाहिए, जानिये

होली के आठ दिन के पहले का समय होलाष्टक कहा जाता है। इसकी शुरुआत फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि से होती है और यह पूर्णिमा यानी होलिका दहन के साथ पूरा होता है। इस समय आम तौर पर कोई शुभ कार्य नहीं करते हैं, हालांकि पूजा पाठ और जप तप में कोई बाधा नहीं होती है। इस साल होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च रविवार से हुई है और यह 24 मार्च रविवार को संपन्न हो रहा है। गौरतलब है कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी की शुरुआत 16 मार्च रात 09.39 बजे से हुई थीऔर 17 मार्च सुबह 09.53 तक रही। हिंदू धर्म में तिथि निर्धारण सूर्य उदय के समय रहने वाली तिथि से होने से अष्टमी 17 मार्च को मनाई गई।
होलाष्टक में अष्टमी पर चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी पर शनि, एकादशी पर शुक्र, द्वादशी पर बृहस्पति, त्रयोदशी पर बुध, चतुर्दशी पर मंगल और पूर्णिमा के दिन राहु उग्र अवस्था में होते हैं। इसी कारण इस समय महत्वपूर्ण कार्य से बचते हैं। कहा जाता है कि ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से सफलता प्रभावित होती है और जीवन में चुनौतियां आती हैं।

होलाष्टक में किसकी पूजा करनी चाहिए
होलाष्टक में भगवान विष्णु, हनुमानजी और भगवान नृसिंह की पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही होली के पहले के इन आठ दिनों तक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी शुभफलदायक है। इस मंत्र के जाप के बारे में कहा जाता है कि इससे ग्रहों के हानिकारक प्रभाव कम होते हैं।

होलाष्टक में क्या करते हैं
होलाष्टक होली के आठ दिन पहले शुरू होता है। इसलिए इस दिन से लोग होलिका दहन और होली के त्योहार से जुड़ी तैयारियां शुरू कर देते हैं। गांव देहात में लोग होलाष्टक शुरू होने के दिन होलिका दहन वाले क्षेत्र में गाय के गोबर, गंगाजल और अन्य चीजों से लिपाई करते हैं। साथ ही इस स्थान पर दो डंडी भी लगाते हैं, जिसमें से एक को होलिका और दूसरे को प्रह्लाद का प्रतीक मानते हैं। जहां अरंडी का पेड़ होता है, वहीं एक डंडी इसी पेड़ की रखते हैं, क्योंकि आग में यह जलता नहीं है।

होलाष्टक में ये काम करें

1. होलाष्टक में धार्मिक कार्यों में शामिल हों, पूजा-पाठ और ध्यान करें। भगवान का स्मरण शुभ फल देगा।

2. होलाष्टक में भगवान विष्णु, हनुमानजी और भगवान नरसिंह की पूजा करें।

3. धन संबंधी मामलों में शुभ फल के लिए श्री सूक्त और मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का जाप करें। इससे कर्ज से छुटकारा मिल सकता है।

4. होलाष्टक में दान का आपको कष्टों से मुक्ति दिला सकता है।

होलाष्टक 2024 में न करें ये काम
1. होलाष्टक में किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से बचें।

2. होलाष्टक में नए घर में गृह प्रवेश से परहेज करना चाहिए। कोई भी वाहन या सोने-चांदी की चीज नहीं खरीदना चाहिए।

3. शादी-विवाह और अन्य 16 संस्कारों जैसे मुंडन, अन्नप्राशन आदि इस समय करना निषिद्ध है।

4. होलाष्टक में नया व्यापार नहीं शुरू करना चाहिए।

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