धनतेरस क्यों मनाई जाती है ! , यहां पढ़ें
Astrology Articles I Posted on 08-11-2023 ,08:08:13 I by:
धनतेरस मनाने के पीछे कई लोक मान्यताएं हैं। कहते हैं कि इसे दिन भगवान धन्वंतरि का "समुद्र मंथन के उपरांत हुआ था। भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश और आयुर्वेद का ग्रंथ था।क्योंकि भगवान धन्वंतरि कलश लेकर अवतरित हुए थे इसीलिए इस दिन लोग सोने चांदी के बने सिक्के, गहने,बर्तन इत्यादि खरीदते हैं। भगवान धन्वंतरि देवताओं के चिकित्सक थे।मृत्युलोक में इनके द्वारा आज के दिन आयुर्वेद को ये लेकर आने का उल्लेख शास्त्रों में वर्णित है।
धनतेरस के दिन कुछ की मान्यताएं हैं की इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि के आतंक से देवताओं की रक्षा की थी। राजा बलि से दान मांगते समय शुक्राचार्य ने अवरोध उत्पन्न किया था ,इसी कारण शुक्राचार्य की एक आंख भगवान विष्णु ने फोड़ दी थी।
इस दिन देवताओं को राजा बलि के आतंक से मुक्ति मिली थी इसलिए धनतेरस मनाया जाता है।
धनतेरस के दिन किसी की अकाल मृत्यु न हो इसीलिए आंगन और मुख्य द्वार पर दीप जलाया जाता है,।
धनतेरस, धनवंतरी त्रयोदशी या धन त्रयोदशी दीपावली से पूर्व मनाया जाना महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन आरोग्य के देवता धनवंतरि, मृत्यु के अधिपति यम, वास्तविक धन संपदा की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी तथा वैभव के स्वामी कुबेर की पूजा की जाती है।
इस त्योहार को मनाए जाने के पीछे मान्यता है कि लक्ष्मी के आह्वान के पहले आरोग्य की प्राप्ति और यम को प्रसन्न करने के लिए कर्मों का शुद्धिकरण अत्यंत आवश्यक है।
धनमग्नि, धनम वायु, धनम सूर्यो धनम वसु:’
अर्थात् प्रकृति ही लक्ष्मी है और प्रकृति की रक्षा करके मनुष्य स्वयं के लिए ही नहीं, अपितु नि:स्वार्थ होकर पूरे समाज के लिए लक्ष्मी का सृजन कर सकता है।इस लिए विष्णु अवतार की पूजा का विधान है।
डा०पीयूष त्रिवेदी आयुर्वेद चिकित्सा प्रभारी राजस्थान विधान सभा जयपुर।
9828011871.