जननायक बनाएगी विनायक चतुर्थी!

* विनायक चतुर्थी - 3 जनवरी 2025, शुक्रवार (11:32 से 13:4)
* शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ - 01:08, 3 जनवरी 2025
* शुक्ल चतुर्थी समाप्त - 23:39, 3 जनवरी 2025
विनायक चतुर्थी के अवसर पर श्री गणेश की आराधना जीवन में विजय की पताका फहराती है. इस दिन सच्चे मन से भगवान श्री गणेश की पूजा करें, लडुअन का भोग लगाएं, श्रीगणेशकृपा की कामना के साथ दुब अर्पित करें, सामथ्र्य के अनुसार व्रत करें और संभव हो तो दान-पुण्य करें, कथा सुने..जीवन सफल हो जाएगा. श्रीगणेश पूजा में शुद्ध भावना का विशेष महत्व है, इसलिए पवित्र मन से प्रार्थना करें, श्रीगणेश की शुभदृष्टि जीवनी की सारी बाधाएं दूर करेगी...
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।।
विघ्नों को दूर करनेवाले, वरदान देनेवाले, देवताओं के प्रिय, बड़े उदरवाले, सर्वजगत की रक्षा करनेवाले, हाथी सदृश्य मुखवाले, वेद और यज्ञ के आभुषण, देवी पार्वती के पुत्र, ऐसे हैं गणों के स्वामी श्रीगणेश, आपको नमस्कार हो, नमस्कार हो!
जब हम कोई कार्य करते हैं तो उसका उद्देश्य होता है- विजय, जीवन में व्यक्ति हर समय विजय प्राप्त करने केे लिए प्रयास करता है लेकिन विघ्न, विजय की राह में बाधा बनते हैं. विनायक की आराधना समस्त विघ्नों को समाप्त करती है और इसका सबसे अच्छा अवसर होता है हर माह की विनायक चतुर्थी. हर माह में शुक्ल पक्ष की, अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है, जबकि पूर्णिमा के बाद आने वाली यानी कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ठी चतुर्थी कहते हैं.
विनायक चतुर्थी का पूजा-पर्व भगवान श्रीगणेश को समर्पित है. विनायक चतुर्थी का व्रत हर महीने होता है लेकिन सबसे मुख्य विनायक चतुर्थी का व्रत भाद्रपद के महीने में होता है, संपूर्ण विश्व में इसे गणेश चतुर्थी यानी भगवान गणेशजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है!
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, एस्ट्रो एडवाइजर

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