वास्तु : नैऋत्य और ईशान में बने टॉयलेट को तोडे बिना कोई निदान नही

जयपुर। वास्तु में गलत बने मकानों का वास्तुशास्त्रियों की देखरेख में निदान कराए जाते हैं। निदान होते भी है। इन्हें आम बोलचाल की भाषा में वास्तु रेमेडिज कहते हैं। लेकिन कुछ निर्माण ऐसे होते हैं जिनका कहीं कोई निदान नहीं होता है। यदि कोई वास्तुशास्त्री आपको ऐसी विसंगतियों के लिए भी रेमेडी बताए तो जान लीजिए कि आपको ठगा जा रहा है। ऐसी ही एक समस्या है शौचालय के निर्माण की।
आपके घर में कई बार ऐसी जगह शौचालय बन जाते हैं जो वहां रहने वालों के लिए बीमारियों और आर्थिक समस्याओं का सबब बन जाते हैं। कई बार ऐसा देखने में आता है कि घर में दवाइयों का सिलसिला और अस्पतालों में आने-जाने का चक्कर लगा ही रहता है। इसके अलावा आप जितना कमाते हो, उससे अधिक खर्च होने लग जाता है। कई बार ऐसी समस्याएं आन खड़ी जिसमें अचानक काफी पैसा लग जाता है। आप समझ ही नहीं पाते ये हो क्या रहा है। ऐसे में अपने घर को चैक कीजिए कि कहीं आपके घर में शौचालय सही जगह है अथवा नहीं।
ईशान कोण में बना शौचालय तो आपके परिवार के किसी भी सदस्य को गंभीर रोगी बना सकता है। प्रसिद्ध वास्तुशास्त्रियों का मत है कि कोई बड़ी बात नहीं है ईशान में शौचालय होने से कैंसर जैसा असाध्य रोग भी हो जाए। दरअसल ये देवताओं का स्थान है। कई वास्तुशास्त्री ईशान कोण में शौचालय की रेमेडी ये बताते हैं कि आप शौचालय की पॉट के चारों तरफ नीली या हरी पट्टी बना दें।
इसी प्रकार नेऋत्य कोण में यदि आपका शौचालय है तो ये घर के मुखिया या कमाने वाले व्यक्ति को रोगी बना सकता है। यहां का शौचालय अक्सर हृदय से संबंधित समस्याएं खड़ी कर देता है। इसकी रेमेडी में कई वास्तु शास्त्री आपको कह सकते हैं कि आप शौचालय की पॉट के चारों तरफ दो इंच की पीली या भूरी पट्टी बना दीजिए।
हमारा मानना है कि इन दोनों महत्वपूर्ण कोणों में शौचालय बना है तो उसका कोई निदान किसी भी सूरत में संभव नहीं है। निदान सिर्फ इतना है कि आपको तुरन्त प्रभाव से यहां पर बना शौचालय हटाकर किसी दूसरी जगह बना देना चाहिए अन्यथा आपके जीवन से समस्याएं कभी खत्म नहीं होगी।
शौचालय कहां नहीं होना चाहिएः
मकान के दक्षिणी पश्चिमी कोण जिसे नेऋत्य कहते हैं, मकान का उत्तर-पूर्वी कोण जिसे इशान कहते हैं, मकान का पूर्व-दक्षिण कोण जिसे अग्निकोण कहते हैं। इसके अलावा सीढ़ियों के नीचे भी शौचालय उचित नहीं है।
तो फिर शौचालय कहां होना चाहिएः
शौचालय के लिए आप वावव्य कोण से कुछ दूरी पर बना सकते हैं। इसके अलावा दक्षिण से पश्चिम की तरफ खिसकाकर भी आप शौचालय बना सकते हैं। - रोशनलाल शर्मा, जयपुर

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