वास्तु शास्त्र -घर की साज सज्जा और साफ सफाई का सुख शान्ति में बडा योगदान

जयपुर। वास्तु शास्त्र सिर्फ भवन निर्माण की पुरातन विधा ही नहीं है बल्कि ये आपके रहन-सहन के तरीके को भी निर्धारित करती है। आपके घर की साज सज्जा और साफ-सफाई तक आपकी सुख शांति में बड़ा योगदान देती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार आपको घर में क्या रखना चाहिए, कहां रखना चाहिए और कैसे रखना चाहिए इसका बड़ा महत्व है। सबसे पहले आप अपने प्रवेश द्वार से चलिए। कई घरों में देखा गया है कि प्रवेश द्वार के बाहर जूते चप्पल इधर-उधर पड़े रहते हैं जो आपके घर में लक्ष्मी के प्रवेश को तो बाधित करते ही है साथ ही नकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करते हैं। लिहाजा जूते और चप्पलों को करीने से रखना चाहिए। घर के अन्दर झाडू रखने का भी विधान है। झाडू कभी भी खड़ी न रखें, पलंग के नीचे न रखें, किसी को दिखती हुई न रखें। आपके पलंग के अन्दर जूते चप्पल चाहे नए ही हो लेकिन नहीं होने चाहिए। पलंग के बॉक्स में आप बिस्तर और नए कपड़े रख सकते हैं। अन्य सामान रखने से बचें। घर के अन्दर बंद घड़ी, बंद पड़ी चक्की, फ्यूज बल्ब, खराब इलेक्ट्रोनिक आइटम नहीं होने चाहिए। जो फेंके जा सकते हैं उन्हें तत्काल फेंक दें और जो मरम्मत किए जा सकते हैं, उनकी तत्काल मरम्मत करा लें। इसके बाद आपके घर का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है मंदिर। कई बार देखा गया है कि हमें उपहार आदि में मूर्तियां, भगवान की तस्वीरें आदि मिलती हैं। इन्हें हम लाकर अपने मंदिर में रख देते हैं। मंदिर में अधिक तस्वीरें या मूर्तियों का होना उचित नहीं है। मूर्तियां तो घरों के लिए है ही नहीं। घर में मूर्ति सिर्फ गणेशजी की सवा पांच इंच और लड्डू गोपाल जी की सवा सात इंच तक की पूजा अर्चना का ही प्रावधान है। घर में यदि शिवलिंग स्थापित किया जाए तो उसका आकार अंगूठे के आकार से अधिक नहीं होना चाहिए। उसका भी प्रतिदिन जलाभिषेक, गणेश और लड्डू गोपाल जी हर दिन जलाभिषेक भोग आदि होना ही चाहिए। मंदिर में अपने कुलदेवता, कुलदेवी और विष्णु भगवान के किसी भी रूप यथा राम, कृष्ण आदि की तस्वीर लगा सकते हैं। इससे अधिक तस्वीरें उचित नहीं है। घर के मंदिर में कभी भी अपने पूर्वजों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। पूर्वजों की तस्वीरों के लिए दक्षिण दिशा की दीवार है। यहां भी इन तस्वीरों को लटकाने से बचना चाहिए और इन्हें इस दिशा में रखा जाना चाहिए। घर के शयन कक्ष में राधा-कृष्ण की तस्वीर उत्तर दिशा में लगाई जा सकती है। इस तस्वीर में मोर, झरना, कुटिया, नदी भी होना आवश्यक है। एक बात और ध्यान रखें कि इस तस्वीर की पूजा अर्चना नहीं करनी चाहिए। ये तस्वीर विवाहित जोड़े में प्रेम बढ़ाने का काम करती है। घर का बाथरूम एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसको स्वच्छ रखने से राहू ठीक रहता है। इसे सूखा रखें और साफ रखें। मकड़ी के जाले आदि न पड़नें दें। इसी प्रकार घर की छत भी राहू का प्रतिनिधित्व करती है। घर की छत पर किसी प्रकार का कबाड़ नहीं रखना चाहिए। जंग लगी लोहे की वस्तु नहीं रखनी चाहिए। साथ ही छत की साफ सफाई रखने से राहू के प्रकोप से मुक्ति पाई जा सकती है।

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