कार्तिक माह में तुलसी का है विशेष महत्त्व, इस तरह करें तुलसी पूजा, रखें ध्यान
Astrology Articles I Posted on 26-10-2021 ,11:08:19 I by:
वर्ष के बारह महीनों में कार्तिक माह को विशेष माह के रूप में जाना जाता है। धर्मग्रन्थों के अनुसार कार्तिक माह का स्नान करके व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति पाने के साथ ही बैंकुठ का वास ग्रहण करता है। एक तरफ कार्तिक माह में जहाँ स्नान का अत्यधिक महत्त्व है वहीं कार्तिक मास में तुलसी पूजा का बहुत महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि तुलसी में भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए हर घर में तुलसी का पौधा लगाया जाता है और उसका पूजन किया जाता है। जयपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित भगवान सहाय जोशी के अनुसार, कार्तिक माह तुलसी पूजा के लिए बेहद ही शुभ होता है। तुलसी पूजन घर में खुशहाली लाता है व धन-धान्य की कमी को दूर करता है। तुलसी पूजन करते समय कुछ नियमों की पालना करना जरूरी है। इनकी अनदेखी आपके लिए घातक साबित हो सकती है।
आज हम अपने पाठकों को पंडित भगवान सहाय जोशी के अनुसार तुलसी पूजन की विधि और इसके नियमों से अवगत कराने जा रहे हैं—
1. प्रतिदिन प्रात: जल्दी उठकर स्नानादि करने के पश्चात पूजाघर में पूजन के साथ तुलसी का भी पूजन करना चाहिए। तुलसी में दीपक जलाने के साथ ही तुलसी में जल अर्पित करके परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए। यदि आप प्रतिदिन तुलसी पूजन करते हैं और जल चढ़ाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि रविवार और द्वादशी (बारस) के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए और तुलसी को छूना भी नहीं चाहिए।
2. तुलसी के पौधे को संध्या काल में छूना वर्जित बताया गया है। यदि आपको पूजन या अन्य किसी काम के लिए तुलसी तोडऩी हो तो सुबह ब्रह्म मुहूर्त का समय ही सही रहता है। तुलसी को भूलकर भी एकादशी, द्वादशी, अष्टमी, अमावस्या और पूर्णिमा को नहीं तोडऩा चाहिए।
3. संध्याकाल में तुलसी पूजन करते समय इस बात का विशेष ख्याल रखें कि आप तुलसी को स्पर्श नहीं करें। साथ ही तुलसी को दूर से ही प्रणाम करें। तुलसी में जब दीपक जलाते हैं तो आसन नहीं देते हैं लेकिन तुलसी में दीपक जलाते समय अक्षत (चावल) का आसन देना चाहिए। तुलसी के नीचे हमेशा शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करना चाहिए, इसी के साथ नियमित रूप से संध्या के समय भी तुलसी में दीपक जरूर जलाना चाहिए।
4. तुलसी पूजा ज्यादातर महिलाओं द्वारा की जाती है। धर्मग्रन्थों व पंडितों के अनुसार महिलाओं को तुलसी पूजन करते समय बालों को खुला नहीं रखना चाहिए, अन्य पूजा अनुष्ठानों की तरह तुलसी पूजा करते समय भी बालों को बांधकर रखना चाहिए। तुलसी को कभी भी सूखने नहीं देना चाहिए। इसके लिए सबसे अहम् है कि तुलसी में सीमित मात्रा में जल अर्पित करना चाहिए। अधिक जल से तुलसी की जड़ को नुकसान पहुंचता है जिससे वे सूख जाती हैं और तुलसी का सूखना शुभ नहीं माना जाता है।
5. अक्सर देखा जाता है कि लोग तुलसी को चुनरी ओढ़ाने के बाद उसे बदलते नहीं हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। जिस तरह से आप दूसरे देवी-देवताओं को प्रतिदिन साफ-सुथरे वस्त्र धारण करवाते हैं उसी तरह से तुलसी को भी प्रतिदिन अन्य देवी-देवताओं की तरह साफ व धुली हुई चुनरी ओढ़ानी चाहिए। तुलसी वस्त्र के रूप में आप अपने पास दो-तीन चुनरियाँ रख सकती हैं।
6. तुलसी तोड़ते समय ध्यान रखें कि पहले प्रणाम करने के बाद ही पत्ते तोड़े इसके साथ ही इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि तुलसी कभी भी नाखून से खींचकर नहीं तोडऩी चाहिए। साथ ही यह कहना चाहिए कि तुलसी माता विष्णु की प्यारी, भगवान विष्णु की सेवा के लिए हम आपको ले चलते हैं।
7. तुलसी का पौधा लगाने के लिए गुरुवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यदि आप अपने घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहते हैं तो गुरूवार के दिन लगाना चाहिए। अभी कार्तिक मास चल रहा है, धर्मग्रंथों में कार्तिक का महीना तुलसी लगाने के लिए बेहद शुभ माना गया है।