इस श्रेष्ठ मुहूर्त में करें घट्स्थापना, मां की रहेगी हमेशा कृपा

शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। सर्वप्रथम श्रीरामचंद्रजी ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की।


नवरात्र में घट्स्थापना का श्रेष्‍ठ मुहूर्त
आचार्य ज्ञानप्रकाश राजमिश्र के अनुसार इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का क्षय हुआ है अर्थात् प्रतिपदा 28 मार्च 2017 मंगलवार को सूर्योदय बाद प्रात: 8.27 पर प्रारंभ होकर मंगलवार अद्र्धरात्र्योत्तर अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 6.24 पर समाप्त हो रही है। मंगलवार व बुधवार दोनों ही दिन प्रतिपदा उदय व्यापिनी नहीं बनी है। अत: बसन्त नवरात्रा चैत्र कृष्ण अमावस्या (वि.सं. 2073) 28 मार्च, मंगलवार प्रात: 8.27 के बाद कर सकते हैं। शास्त्रों में देवी का आवाह्न व घट्स्थापना का सर्वश्रेष्ठ समय प्रात:काल में ही करना श्रेष्ठ बताया गया है, श्रेष्ठ चौघडिय़ों की दृष्टि से प्रात: 9.29 से दोपहर बाद 2.04 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के चौघडिय़ों में भी घट्स्थापना की जा सकती है। आज घट्स्थापना का श्रेष्ठ समय दोपहर 12.08 से 12.56 तक अभिजित मुहूर्त में सर्वश्रेष्ठ समय है।
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