इसे मां लक्ष्मी की अंगूठी भी कहते हैं

इसे फैशन कहें या समृद्धि की नई परिभाषा लेकिन विद्वानों के अनुसार ऐसी अंगूठी पहनने से मां लक्ष्मीे की कृपा हमेशा बरसती रहती है। 


कछुआ शांति, धैर्य, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है। लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए कछुआ लक्ष्मी जी का भी प्रिय होता है। ऐसे में लोगों को ऊर्जा व आत्मविश्वास के लिए कछुआ अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है।

कछुआ अंगूठी को गुरूवार को पंचामृत में स्नाोन कराकर सुबह 8 से 9 के बीच में पहनने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसने लगती है। कछुए को देखते ही उससे जुड़ी सारी धारणाओं की तरफ हमारा "ध्यान" चला ही जाता हैं, और इसी के चलते हमारे ध्यान की ऊर्जा का प्रवाह उस और हो जाता हैं, जिसके चलते हम धैर्य और शांत स्वभाव को रखते हुए समय पर लक्ष्य का भेदन कर सम्रद्धि को प्राप्त करते हैं। ऐसे में कछुआ अंगूठी पहननी चाहिए।

यह रिंग पहनते वक्त यह ख्याल रखना चाहिए कि कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले की तरफ होना चाहिए। जिससे धन अपनी ओर आये, ऐसा माना जाता है।

यदि घर में बरकत न हो रही हो, किसी तरह की परेशानी आपका पीछा न छोड़ रही हो या फिर बीमारियों की वजह से तंग आ गए हों तो कछुआ अंगूठी पहननी चाहिए।
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