यह उपाय करने से होगी विवाह की वाधा दूर
Love & Relationships I Posted on 15-02-2016 ,00:00:00 I by:
योग्य युवक व युवतियों का समय पर विवाह नहीं होने से अक्सर परेशान रहते हैं। हालांकि उनके विवाह की कई वजह होती हैं जिनके कारण उनके विवाह में अडचनें आती हैं। शास्त्रों के अनुसार विवाह में कुछ अडचनें ग्रहों के अनुसार भी आती हैं। इन ग्रहों को शांत करने के लिए कुछ उपाय करें तो काफी हद तक यह समस्या आपकी हल हो सकती है। कई बार बहुत प्रयासों के बावजूद विवाह का योग नहीं बन पाता है। ऎसे में व्यक्ति की निराशा बढती है। दरअसल कन्या की कुंडली में विवाह कारक बृहस्पति होता है और पुरूष की कुंडली में विवाह का विचार शुक्र से किया जाता है। यदि दोनों ग्रह शुभ हों और उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पडती हो तो विवाह का योग जल्दी बनता है। वैसे विवाह में देरी के लिए बहुत से अन्य ग्रह भी कारक होते हैं।
बृहस्पति को देवों का गुरू माना गया है। इनकी कृपा से विवाह की राह में आ रही सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। बृहस्पति के पूजन के लिए गुरूवार का दिन शुभ है। जिन जातकों के विवाह में किसी भी तरह की बाधा या अ़डचन आ रही है उन्हें गुरूवार को बृहस्पति को प्रसन्ना करने के लिए प्रयास करना चाहिए। बृहस्पति की प्रसन्नता के लिए पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल इत्यादि चढ़ानी चाहिए। विवाह के मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए गुरूवार के दिन व्रत रखना चाहिए। व्रत में पीले भोज्य पदाथोंü का ही सेवन करें, जैसे चने की दाल, पीले फल इत्यादि ग्रहण करना चाहिए।
बृहस्पति ग्रह की पूजा के अतिरिक्त शिव-पार्वती का पूजन करने से भी विवाह की मनोकामना पूर्ण होती है। शिव और पार्वती इस संसार के लिए आदर्श दंपति हैं और उनके समक्ष विवाह मार्ग की बाधाओं को दूर करने के लिए प्रार्थना करना आपको सौभाग्य प्रदान करता है। शिवजी की प्रसन्नता के लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर कच्चा दूध, बिल्व पत्र, अक्षत, कुमकुम आदि चढ़ाकर विधिवत पूजन करें। कई मौकों पर विवाह में देरी होने का कारण उम्मीदवार का मांगलिक होना भी है। मांगलिक युवक और युवतियों के विवाह के योग आयु के 27, 29, 31, 33, 35 व 37 वें वर्ष में बनते हैं। अपने ग्रहों की दशा के अनुरूप ये पता लगा सकते हैं कि उनके लिए अच्छे योग कब बन रहे हैं।