शुक्र के राशि परिवर्तन से इन राशि वालों को होगी समस्या, इन उपायों से पा सकते हैं छुटकारा

बीते माह के अंतिम दिनों से ग्रहों के राशि परिवर्तन का सिलसिला लगातार जारी है। बीती 29 अप्रैल को शनि देव ने अपनी राशि कुंभ में प्रवेश किया था।ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कर्मफलदाता शनिदेव के एक राशि से दूसरी राशि में गोचर से सभी राशियों के जातकों पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है। शनि के कुंभ राशि में गोचर करने से कुछ राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या शुरू हो चुकी है, जिससे इन राशि वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं दूसरी ओर 25 मई से सूर्य देव ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिसके चलते नौतपा शुरू होने जा रहा है। इन नौ दिनों में सूर्य अपने सर्वाधिक ताप पर होता है। इससे गर्मी अपने चरम पर होगी। गर्मी की अधिकता का दूसरा कारण यह भी है कि शनिदेव के वक्री रहने से भी नौपता में आसमान से आग बरसेगी।
पंचांग के अनुसार, आज 23 मई 2022 की रात 8 बजकर 39 मिनट पर शुक्र ग्रह मेष राशि में गोचर करेंगे। वे इस राशि में 18 जून तक विराजमान रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को धन, सुख और प्यार का कारक ग्रह माना गया है। इनके राशि परिवर्तन से व्यक्ति के धन, सुख और प्यार पर असर पड़ता है। कुंडली में यदि शुक्र कमजोर स्थिति में है तो जातक को गरीबी का सामना करना पड़ता है। लव लाइफ और दांपत्य जीवन में नीरसता रहती है। आज शुक्र के राशि परिवर्तन से कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु और मीन राशियों के जातकों को हर समय सतर्क रहना होगा। इन जातकों को समस्याओं से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए—

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय

1. शुक्रवार का व्रत रखें, व्रत कम से कम 21 या 31 बार करें। शुक्रवार व्रत से शुक्र मजबूत होते हैं और माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत के प्रभाव से सुख, सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है।
2. शुक्रवार के दिन व्रत करें और सफेद वस्त्र पहनकर ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जाप करें। इस मंत्र की 5, 11 या 21 माला का जाप करने से शुक्र प्रबल होता है।
3. भोजन में चीनी, चावल, दूध, दही और घी से बने पकवान खाने चाहिए। इससे शुक्र मजबूत होता है।
4. सफेद कपड़े, सुंदर वस्त्र, चावल, घी, चीनी आदि के दान से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं साथ ही शुक्र भी मजबूत रहता है।
5. शुक्रवार के दिन भगवान शिव की सफेद फूलों से पूजा करें।
6. सफेद स्फटिक की माला पहनने, खटाई का सेवन न करें।

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