इसलिए स्कूल में होती है.... सरस्वती प्रार्थना

मुंबई. विद्यालयों में सबसे पहले सरस्वती प्रार्थना होती है, क्योंकि.... ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी सरस्वती हैं.
ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से देखें तो.... कई बार अच्छी बुद्धिवाले बच्चे भी पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं, क्योंकि शिक्षा प्राप्ति में सबसे ज्यादा विघ्न और मतिभ्रम राहु ग्रह करता है, राहु की देवी सरस्वती है और इसीलिए देवी सरस्वती की प्रार्थना की जाती है ताकि राहु के कुप्रभाव के कारण किसी प्रतिभावान छात्र की पढ़ाई खराब नहीं हो जाए.
बसंत पंचमी.... शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान, कला-संगीत के शुभारंभ का श्रेष्ठ अवसर.
बसंत पंचमी का दिन देवी सरस्वती को समर्पित है और इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है, इस दिन को श्रीपंचमी, सरस्वती पूजा आदि भी पुकारा जाता है.
ज्ञान प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालु- आलस्य और अज्ञानता से मुक्ति के लिये, बसंत पंचमी  के दिन देवी सरस्वती की उपासना करते हैं.
बसंत पंचमी के दिन शिशुओं को पहला अक्षर लिखना सिखाया जाता है, मतलब.... यह विद्या आरम्भ का शुभ दिन है.
धर्मधारणा के अनुसार बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त  है, इसलिए.... यह दिन सभी शुभ कार्यो के लिये उपयुक्त माना जाता है.
वैसे तो बसंत पंचमी के दिन किसी भी समय देवी सरस्वती की पूजा की जा सकती है, लेकिन पूर्वाह्न का समय पूजा के लिये श्रेष्ठ माना जाता है!
सरस्वती वन्दना....
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥1॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥2॥
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर

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