ऐसी प्रतिज्ञाएं, जो जिदंगी को स्‍वर्ग बना सकती हैं

जीवन को खुशनुमा बनाने के लिए सकारात्मक सोच का होना बेहद जरूरी है। सकारात्मक सोच के साथ अगर सकारात्मक प्रतिज्ञाओं को भी हम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें तो जीवन में सुखद परिवर्तन संभव है। दिन में कोई सी भी दो-तीन सकारात्मक प्रतिज्ञा को लगातार दोहराते रहें तो इसका चमत्कार खुद ही महसूस होने लगेगा। ध्यान रहे कि दोहरान के समय मन में कोई भी नकारात्मक सोच नहीं हो और मन पूरी तरह से शांत भी हो। इन्हें दोहराते समय इस बात का भी पूरा विश्वास रखें कि एक दिन मेरे प्रतिज्ञाएं जरुर सच हो जाएंगी।


मैंने जीवन में आगे बढऩे का मजबूत निश्चय किया है, मुझे आगे बढऩे से कोई भी नहीं रोक सकता है।
अन्य लोगों की विशेषताओं एवं सफलता से मुझे अपने जीवन मे और अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।
मैं अपनी चिंताओं और कमियों को दूर रखने का सामथर्य रखता हूं।
मैं हमेशा सकारात्मक एवं साहस पूर्ण जीवन जीना चाहता हूं।
मैं अपनी आत्मा की आवाज सुनकर ही अपना काम करता हूं।
मैं अपने जीवन में बहुत खुश हूं, मेरा हर दिन बेहतर से बेहतर होता जा रहा है।
मेरा मन बहुत शांत है, मैं प्रतिदिन ध्यान (मेडीटेशन) करता हूं। मेडीटेशन से मेरा मन और भी शांत हो जाता है। मेरे विचार और मेरी भावनाएं मेरे नियंत्रण में रहते हैं।
मेरे मन में केवल सकारात्मक विचार ही आते हैं। मैं हर व्यक्ति में सकारात्मक पक्ष ही देखता हूं, वो जैसे हैं, उसी रूप में स्वीकार भी करता हूं।
मैं गुस्से का सकारात्मक प्रयोग करता हूं। मेरे मन के विकार सकारात्मकता में बदलते जा रहे हैं। मुझमें हर दुख सहने की अपार क्षमता है। ईश्वर प्रदत्त यह प्रकृति बहुत खूबसूरत है, इस प्रकृति से मुझे हर परिस्थिति में कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।
मुझे परमपिता परमात्मा पर पर पूरा विश्वास है और मैं मानता हूं कि मेरे साथ जो भी होता है वह मेरे अच्छे के लिए ही होता है।
मेरी आंतरिक शक्तियां एवं आत्म विश्वास मुझे हर समस्या को सुलझाने में शक्ति देती हैं। कठिन हालात में मेरा धैर्य और भी बढ़ जाता है।
हर परिस्थिति मेरे लिए एक चुनौती है और इसका सफलतापूर्वक सामना करना मुझे बहुत पसंद है।
मैं परिस्थितियों को गहराई से समझ कर अपने कार्य की योजना बनाकर अपने कार्य एवं कर्तव्य का निष्पादन करता हूं।
मैं न तो कभी किसी से कोई अपेक्षा रखता हूं और नहीं किसी की उपेक्षा करता हूं। मैं रोज व्यायाम करता हूं, जिससे मैं अपने आप को बहुत तरोताजा अनुभव करता हूं।
अपना खाली समय मैं अपने मित्रों और परिवार के साथ व्यतीत करता हूं। मैं प्यार बांटने और प्यार पाने में विश्वास रखता हूं।
मैं अपनी पुरानी गलतियों से सीख रहा हूं, मैं अपनी गलतियों के लिए अपने आपको माफ कर चुका हूं। खुशी मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है।
मैं खुशी देने और लेने के लिए ही बना हूं। मैं अपने जीवन के प्रति बहुत आशावादी हूं।
मैं अपने जीवन में जो भी करता हूं, अपनी योग्यता अनुसार सर्वश्रेष्ठ ही करता हूं।
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