शनि का 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर, राजनीति में कामयाबी चाहिए तो देवी कालरात्रि को मनाइए!
Astrology Articles I Posted on 28-12-2024 ,05:52:01 I by:
राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है जहां भाग्य साथ दे तो कमजोर उम्मीदवार भी विजय का परचम लहरा देता है और समय साथ नहीं दे तो प्रबल प्रत्याशी भी हार जाते हैं.
राजनीति में चुनाव का बड़ा महत्व है और चुनाव जीतने के लिए समर्थकों, सहयोगियों, मतदाताओं की विशेष भूमिका रहती है. जब शनि ग्रह साथ देता है तो समर्थकों, सहयोगियों, मतदाताओं का साथ मिलता है और चुनाव की राह आसान हो जाती है. जिनकी जन्म कुंडली में शनि कारक है वे चुनाव आसानी से जीत जाते हैं तो जिनकी कुंडली में शनि सम या अकारक है उन्हें काफी प्रयास करने पड़ते हैं. शनि गोचर के दौरान तीसरे, छठे और ग्यारहवें घर में उत्तम परिणाम देता है, इस दृष्टि से शनि के 29 मार्च 2025 को मीन राशि में गोचर के कारण- राजनीति के क्षेत्र में मकर, तुला और वृषभ राशि/लग्न वालों को बेहतर अवसर मिलेंगे, तो शेष राशिवालों को शनि का आशीर्वाद प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए.
इसके अलावा महादशा, अंतरदशा, सूक्ष्मदशा का भी राजनीति, खासकर चुनाव में विशेष महत्व है तो किसी उम्मीदवार की अन्य प्रत्याशियों की तुलना में जन्म कुंडली की सापेक्ष प्रबलता भी अच्छी खासी भूमिका निभाती है!
किसी चुनाव में सफलता के लिए देवी त्रिपुरा सुंदरी के कालरात्रि स्वरूप की साधना का विशेष महत्व है. देवी दुर्गा का सातवां स्वरूप कालरात्रि है. देवी कालरात्रि का शरीर रात्रि के अंधकार की तरह काला है, इनके बाल बिखरे हुए हैं तथा इनके गले में विद्युत माला है. इनके चार हाथ है जिनमें इन्होंने एक हाथ में कटार तो दूसरे हाथ में लौह कांटा धारण किया हुआ है. शेष दो हाथ... वरमुद्रा और अभय मुद्रा में हैं. इनके तीन नेत्र हैं तथा इनके श्वास से अग्नि निकलती है. देवी कालरात्रि की पूजा-अर्चना से शनि ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है इसलिए जो राजनेता चुनाव लड़ते हैं उन्हें नियमित रूप से त्रिपुरा सुंदरी के कालरात्रि स्वरूप की आराधना करनी चाहिए. यदि नियमित रूप से संभव नहीं हो तो प्रत्येक नवरात्रि में, खासकर सप्तमी तिथि को देवी कालरात्रि की विशेष पूजा करनी चाहिए. यही नहीं, जिन राजनेताओं की शनि की दशा-अन्तर्दशा, साढ़े साती आदि चल रही हो उन्हें भी देवी कालरात्रि की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. देवी की इस मंत्र से पूजा-अर्चना करें... ॐ देवी कालरात्रियै नम:!