सावन में इन नियमों का पालन कर करें भोलेनाथ को प्रसन्न

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित मास माना जाता है। चारों ओर बम-बम भोले के जयकारे सुनाई देने लगे हैं। शिव भक्‍तों के लिए यह महीना विशेष उत्‍साह लेकर आता है। सनातन धर्म के अनुसार, सावन के महीने में पूजापाठ के साथ ही कुछ नियमों का पालन करना हर व्‍यक्ति के लिए अनिवार्य है।

यहां हम जानते हैं कि कौन-कौन से हैं नियम


जलाभिषेक में इस बात का करें पालन...
सावन में शिवजी का अभिषेक करते समय कभी भी हल्दी का प्रयोग नहीं करें। सावन के महीने में हल्‍दी का प्रयोग करना वर्जित होता है।


दूध का सेवन नहीं करें व्रतधारी...
सावन में व्रतधारी को दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए। सावन में मौसम परिवर्तन होने के बाद कई छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े भी पनप जाते हैं। कभी-कभी गाय-भैंस उनको खा जाती हैं, इसलिए उनका दूध हानिकारक हो जाता है। इसके अलावा धार्मिक मान्‍यता यह है कि भगवान शिव को भी दूध चढ़ाया जाता है तो दूध का सेवन करना वर्जित है।


आप मन में नहीं लाए बुरे विचार...
सावन के माास में शिवभक्त कभी भी बुरे विचार मन में नहीं लाने चाहिए और न ही किसी की बुराई करनी चाहिए। इस समय धर्म संबंधी किताबों का अध्ययन करना चाहिए।

इस माह में इन लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए...
सावन मास में कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। इस महीने में खास तौर पर माता-पिता, बुजुर्ग व्यक्ति, भाई-बहन, स्त्री, गरीबों और ज्ञानी लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए।

सुबह जल्दी उठकर करें शिव की अराधना...
सावन में भक्त और ईश्वर के बीच की दूरी कम हो जाती है। इसलिए सुबह देर तक सो कर इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर शिवजी की पूजा करनी चाहिए।


ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए...
पुराणों के अनुसार सावन महीने में स्त्री-पुरुष प्रसंग से बचना चाहिए। ब्रह्मचर्य व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। धर्मशास्त्राें के अनुसार, नरक में आपको कष्ट दिया जाएगा।



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