बील पत्र का वृक्ष लगाने से होते हैं यह फायदे, इस दिशा में लगाए

आगामी महीने की 14 तारीख से श्रावण माह की शुरूआत होने जा रही है। सावन का महीना भगवान शिव की आराधना पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस पूरे महीने शिव भक्त शिवजी को बील पत्रों से स्नान करवाते हैं। शिवपूजा में बीलपत्र का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि जिस घर में बील पत्र का वृक्ष लगा होता है उनके घर विशेष तौर पर शिव की कृपा बनी रहती है। साथ ही ऐसे घर में साक्षात लक्ष्मी जी का वास होता है। पौधों को घर में एक निश्चित स्थान पर लगाने और इन्हें सही ढंग से स्थापित करने से कई समस्याएं दूर हो जाती है। शिव पुराण के अनुसार जिस स्थान पर बीलपत्र का पेड़ लगाया जाता है वह काशी तीर्थ के समान पवित्र और पूजनीय स्थल हो जाता है।

पुराणों में इस वृक्ष को लगाने के कई फायदे बताए गए हैं। आइए डालते हैं एक नजर उन फायदों पर...

टोने टोटके का असर नहीं

घर के आंगन में इसका पेड़ होने से बुरी शक्तियाँ घर में प्रवेश नहीं करती। ये तंत्र बाधाओं से हमें मुक्त कराता है और परिवार के सदस्यों की रक्षा करता है। इसके होने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

चंद्र दोष से छुटकारा
बील पत्र घर में लगाने से कभी भी आपको चंद्र दोष और अन्य प्रकार के दोषों के अशुभ प्रभाव नहीं झेलने पड़ेंगे।

दरिद्रता से मुक्ति
दरिद्रता को दूर करने के लिए घर में बील पत्र का पौधा जरूर लगाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं। बीलपत्र का पत्ता आप अपने धन स्थान पर रख सकते हैं इससे घर में हमेशा बरकत बनी रहती है। आर्थिक सम्पन्नता के लिए इसे उत्तर-दक्षिण दिशा में लगाएं।

बुरे कर्मों के प्रभाव
शिव पुराण के अनुसार घर में बीलपत्र का पौधा होने से व्यक्ति के बुरे कर्मों का प्रभाव नष्ट हो जाता है और घर में रहने वाले सभी सदस्यों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

ऊर्जावान रहने के लिए
मान्यता है कि बील पत्र के पेड़ की जड़ों में मां गिरिजा, तने में मां महेश्वरी, शाखाओं में मां दक्षायनी, पत्तियों में मां पार्वती, फूलों में मां गौरी और फलों में देवी कात्यायनी वास करतीं हैं। शास्त्रों के अनुसार घर के उत्तर पश्चिम दिशा में लगा बील का पौधा वहां रहने वाले सदस्यों को अधिक तेजस्वी और ऊर्जावान बनाता है।

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