पूर्णिमा और हनुमान जयंती के अवसर पर दिखाई देगा पिंक मून
Astrology Articles I Posted on 23-04-2024 ,07:36:21 I by:
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा का पृथ्वी पर अधिक प्रभाव रहता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान, दान और व्रत का महत्व है। दुनियाभर में पूर्णिमा तिथि और पूर्णिमा के चांद का खास महत्व है।
गौरतलब है कि आज मंगलवार 23 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा है और आज हनुमान जयंती भी मनाई जा रही है। इसी के साथ आज आसमान में पिंक मून देखा जाएगा, जोकि एक खगोलीय घटना है। वैज्ञानिकों के अनुसार आज चांद धरती के अधिक करीब होगा और चंद्रमा का आकार भी अन्य दिनों की तुलना में बड़ा नजर आएगा।
आज मंगलवार को आसमान में पिंक मून का नजारा देखा जाएगा। पिंक मून की शुरुआत 23 अप्रैल सुबह 03:24 पर होगी, जोकि अगले दिन बुधवार, 05:18 तक देखा जाएगा। ज्ञातव्य है कि इस मून को नंगी आंखों से देखने पर आपको किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है। इसलिए आपको किसी तरह के लेंस या चश्मे की भी आवश्यकता नहीं है। आप अपने घर की खिड़की, बालकनी, छत या आंगन कहीं से भी पिंक मून के दुर्लभ चांद का दीदार कर सकते हैं।
गुलाबी रंग से नहीं पिंक मून का कनेक्शन
अप्रैल महीने की पूर्णिमा के चांद को पिंक मून कहा जाता है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि आज चांद आसमान में पूरी तरह से गुलाबी नजर आएगा। इसका नाम पिंक मून अप्रैल में कनाडा और अमेरिका में खिलने वाले एक फूल के नाम पर रखा गया है, जिसे मॉस पिंक कहा जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, अन्य दिनों की तुलना में आज चंद्रमा थोड़ा सिल्वर और गोल्डन रंग में नजर आता है। पूर्णिमा के दिन चांद पृथ्वी के करीब होता है, इसकी चमक 30 फीसदी और आकार 14 फीसदी तक बढ़ जाता है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, 1979 में पहली बार सुपरमून को देखा गया था। एस्ट्रोनॉमर्स ने इसे पेरीजीन फुल मून का नाम दिया था। इसके साथ ही इसे अलग-अलग देशों में सुपरमून, एग मून, फिश मून, स्प्राउटिंग ग्रास मून, फसह मून, पक पोया, फेस्टिवल मून और चैती पूनम आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है।