Astrology Articles I Posted on 11-07-2023 ,06:51:43 I by:
इस बार 19 साल बाद सावन महीने में अधिक मास आया है। अधिक मास की वजह से सावन दो महीने (31 अगस्त की सुबह तक) रहेगा। इस कारण सावन में 4 एकादशियां आएंगी। पहली एकादशी 13 जुलाई को है। इस एकादशी पर किए गए व्रत-उपवास से शिव जी और विष्णु जी की भक्ति हो जाती है, बृहस्पति की पूजा से कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं। इसे कामिका एकादशी कहते हैं। सावन, गुरुवार और एकादशी का योग होने से इस दिन शिव जी, विष्णु जी के साथ ही देव गुरु बृहस्पति की भी पूजा कर सकते हैं। इन तीनों देवताओं की पूजा से कुंडली के ग्रह दोषों का असर कम होता है और अशांति दूर होती है।सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी व्रत रखा जाता है। इस बार कामिका एकादशी व्रत 13 जुलाई, गुरुवार को रखा जाएगा। इस एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही साथ भगवान कृष्ण और तुलसी पूजा भी की जाती है।
इस व्रत से भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों को हर मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है कि कामिका एकादशी व्रत से पाप खत्म जाते हैं। उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है। ये एकादशी पितृदोष से भी मुक्ति दिलाती है।
सावन की इस पहली एकादशी पर अनाज नहीं खाया जाता है। व्रत में केवल पानी या दूध से बनी चीजें ही खाने का नियम होता है। भगवान की पूजा में घी का दीपक लगाना लाभकारी माना गया है।
कामिका एकादशी के बारे में सबसे पहले भीष्म पितामह ने नारदजी को बताया था। फिर इस कथा को श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई थी। इस कथा में पितामह ने श्रावण महीने की एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान और उसके पुण्य के बारे में बताया था।
तुलसी के बिना अधूरा है ये व्रत
इस व्रत में भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी पूजा करने का भी विधान है। कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु को मंजरी सहित तुलसी पत्र चढ़ाना चाहिए। भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। भगवान विष्णु हीरे-मोती, सोने-चांदी से इतने खुशी नहीं होते, जितनी खुशी उन्हें तुलसी पत्र से मिलती है। कहा जाता है
स्नान-दान का महत्व
श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही तीर्थ स्नान और दान करने का भी विधान है। इस तिथि पर सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे डालकर नहाना चाहिए। दिनभर व्रत रखते हुए शाम को दीपदान करना चाहिए। भगवान विष्णु को तिल के तेल का दीपक लगाना चाहिए। इस तरह दीपदान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और महापुण्य मिलता है।