इन देवी-देवताओं को लगाएं ये भोग, हो जाएंगे तुरंत प्रसन्न
Astrology Articles I Posted on 22-11-2017 ,12:37:34 I by: vijay
सभी तरह के देवी-देवताओं को भोग लगाने का शास्त्रों में नियम बताया गया
है। गणेश चतुर्थी आ रही है लोग मोदक का भोग भगवान गजानन को लगाएंगे। उनकी
ही तरह अन्य देवी-देवताओं को क्या क्या भोग लगाकर किया जा सकता है प्रसन्न ,
आइए जानें जरा-
नारायण भगवान का भोग भगवान विष्णुजी को खीर या सूजी
के हलवे का नैवेद्य बहुत पसंद है। खीर कई प्रकार से बनाई जाती है। खीर में
किशमिश, बारीक कतरे हुए बादाम, बहुत थोड़ी-सी नारियल की कतरन, काजू,
पिस्ता, चारौली, थोड़े से पिसे हुए मखाने, सुगंध के लिए एक इलायची, कुछ
केसर और अंत में तुलसी जरूर डालें। उसे उत्तम प्रकार से बनाएं और फिर
विष्णुजी को भोग लगाने के बाद वितरित करें। प्रति रविवार और गुरुवार को
विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में जाकर विष्णुजी को उक्त उत्तम प्रकार का भोग लगाने
से दोनों प्रसन्न होते हैं और उसके घर में किसी भी प्रकार से धन और
समृद्धि की कमी नहीं होती है।
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महादेव को क्या लगाएं भोग
शिव को भांग और पंचामृत का नैवेद्य पसंद है। भोले को दूध, दही, शहद,
शकर, घी, जलधारा से स्नान कराकर भांग-धतूरा, गंध, चंदन, फूल, रोली, वस्त्र
अर्पित किए जाते हैं। शिवजी को रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी अर्पित की
जाती है। श्रावण मास में शिवजी का उपवास रखकर उनको गुड़, चना और चिरौंजी के
अलावा दूध अर्पित करने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।
हनुमान को लगाएं भोग
हनुमानजी को हलुआ, पंच मेवा, गुड़ से बने लड्डू या रोठ, डंठल वाला
पान और केसर- भात बहुत पसंद हैं। इसके अलावा हनुमानजी को कुछ लोग इमरती भी
अर्पित करते हैं। कोई व्यक्ति 5 मंगलवार कर हनुमानजी को चोला चढ़ाकर यह
नैवेद्य लगाता है, तो उसके हर तरह के संकटों का अविलंब समाधान होता है।
मां लक्ष्मी को भोग
लक्ष्मीजी को धन की देवी माना गया है। कहते हैं कि अर्थ बिना सब
व्यर्थ है। लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग को लक्ष्मी
मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए। लक्ष्मीजी को सफेद और पीले रंग के
मिष्ठान्न, केसर-भात बहुत पसंद हैं। कम से कम 11 शुक्रवार को जो कोई भी
व्यक्ति एक लाल फूल अर्पित कर लक्ष्मीजी के मंदिर में उन्हें यह भोग लगाता
है तो उसके घर में हर तरह की शांति और समृद्धि रहती है। किसी भी प्रकार से
धन की कमी नहीं रहती।
दुर्गा माता को भोग
माता दुर्गा को शक्ति की देवी माना गया है। दुर्गाजी को खीर,
मालपुए, मीठा हलुआ, पूरणपोळी, केले, नारियल और मिष्ठान्न बहुत पसंद हैं।
नवरात्रि के मौके पर उन्हें प्रतिदिन इसका भोग लगाने से हर तरह की मनोकामना
पूर्ण होती है, खासकर माताजी को सभी तरह का हलुआ बहुत पसंद है। बुधवार और
शुक्रवार के दिन दुर्गा मां को विशेषकर नेवैद्या अर्पित किया जाता है।
माताजी के प्रसन्न होने पर वह सभी तरह के संकट को दूर कर व्यक्ति को संतान
और धन सुख देती है। यदि आप माता के भक्त हैं तो बुधवार और शुक्रवार को
पवित्र रहकर माताजी के मंदिर जाएं और उन्हें ये भोग अर्पित करें।
सरस्वती माता भोग
माता सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है। ज्ञान कई तरह का होता है।
स्मृतिदोष है तो ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान को व्यक्त करने की क्षमता
नहीं है, तब भी ज्ञान किसी काम का नहीं। ज्ञान और योग्यता के बगैर जीवन में
उन्नति संभव नहीं। अत: माता सरस्वती के प्रति श्रद्धा होना जरूरी है। माता
सरस्वती को दूध, पंचामृत, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू तथा धान का लावा
पसंद है।
गणेशजी को भोग
गणेशजी को मोदक या लड्डू का नैवेद्य अच्छा लगता है। मोदक भी कई
तरह के बनते हैं। महाराष्ट्र में खासतौर पर गणेश पूजा के अवसर पर घर-घर में
तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं। मोदक के अलावा गणेशजी को मोतीचूर के लड्डू
भी पसंद हैं। शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी पसंद हैं। इसके अलावा आप
उन्हें बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं। नारियल, तिल और सूजी के
लड्डू भी उनको अर्पित किए जाते हैं।
भगवान श्रीरामजी को भोग
भगवान श्रीरामजी को केसर भात, खीर, धनिए का भोग आदि पसंद हैं। इसके अलावा उनको कलाकंद, बर्फी, गुलाब जामुन का भोग भी प्रिय है।
श्रीकृष्ण जी को भोग
भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का नैवेद्य बहुत पसंद है। इसके अलावा खीर, हलुआ, पूरनपोळी, लड्डू और सिवइयां भी उनको पसंद हैं।
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