महिलाओं के साथ पुरूष भी रख सकते हैं कजरी तीज, जानिये व्रत की विधि

कजरी तीज, जिसे कजली तीज भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। खासकर उत्तरी भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान में इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, साल 2024 में कजरी तीज का त्योहार आज मनाया जा रहा है। इस त्योहार के दिन यूं तो विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं, लेकिन माना जाता है अगर अविवाहित लोग योग्य जीवनसाथी चाहते हैं तो उनके लिए भी यह व्रत शुभ होता है।

क्यों मनाया जाता है कजरी तीज का त्योहार
माना जाता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सबसे पहले माता पार्वती ने कजरी तीज का व्रत रखा था। पार्वती माता ने 108 वर्षों तक कठोर तपस्या की थी और उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अर्धांगिनी रूप में स्वीकार किया था। क्योंकि माता पार्वती ने सबसे पहले कजरी तीज का व्रत रखा, इसीलिए आज भी अविवाहित महिलाएं योग्य वर के लिए और विवाहित महिलाएं सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को रखती हैं।

कैसे रखा जाता है व्रत
कजरी तीज के व्रत में महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करतीं। इस व्रत को रखने का मुख्य उद्देश्य पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि की कामना करना है। इस व्रत का पालन करनी वाली महिलाएं लाल, हरे, या पीले रंग के वस्त्र धारण करती हैं और साथ ही सोलह श्रृंगार करती हैं।

कौन रख सकता है व्रत
शास्त्रों में कहीं ऐसा उल्लेख नहीं है कि केवल महिलाएं ही इस व्रत को रख सकती हैं। हालांकि मुख्य रूप से महिलाओं के द्वारा ही यह व्रत रखा जाता है, लेकिन अगर पुरुष भी इस व्रत को लें तो उन्हें भी शिव-पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। जिस प्रकार आज के समय में कई पुरुष पत्नी के साथ करवा चौथ का व्रत रख रहे हैं, वैसे ही कजरी तीज का व्रत भी पति-पत्नी मिलकर रख सकते हैं।
कजरी तीज का व्रत रखने से आपके पारिवारिक जीवन में तो सुख-समृद्धि आती ही है, साथ ही शारीरिक और मानसिक बल भी आपको प्राप्त होता है। इस व्रत का विधि-विधान पूर्वक पालन करने से आपको करियर और सामाजिक स्तर पर भी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। इस दिन व्रत रखने के साथ ही अगर आप जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं, धार्मिक स्थलों में जाकर पूजन करते हैं तो व्रत का कई गुना फल आपको मिल सकता है।

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