मौनी अमावस्या... आत्मा-परमात्मा संवाद का सर्वश्रेष्ठ समय

* वैसे तो माघ के महीने के प्रत्येक दिन को पवित्र स्नान, दानधर्म आदि के लिये अत्यंत शुभ माना जाता है किन्तु इस दौरान आने वाली अमावस्या... मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है.
* धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस अवसर पर गंगा मैया और देश के प्रमुख संगम की पवित्र नदियों का जल अमृत तुल्य होता है।
* इस अवसर पर श्रद्धालु मौन धारण करते हैं और अंतर्मन से धर्म चर्चा करते हैं!
* ऋषि-मुनियों जैसे आचरण के कारण ही यह  अमावस्या... मौनी अमावस्या कहलाती है।
* मौन कटु वचन पर नियंत्रण का सर्वोत्तम मार्ग है इसलिए इस दिन मौन रहकर ईष्टदेव आराधना करनी चाहिए... यह आत्मा-परमात्मा के संवाद का सर्वश्रेष्ठ समय है!
* धर्मग्रंथों में मौनी अमावस्या के अवसर पर दान-पुण्य करने को बहुत ही अधिक शुभ फलदायी बताया है।
* मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रात:काल पवित्र तीर्थ स्थलों, पवित्र संगम पर स्नान किया जाता है।
* पवित्र स्नान के पश्चात तिल के लड्डू, वस्त्रादि का दान दिया जाता है।
* इस अवसर पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें भी शांति-मोक्ष की प्राप्ति होती है।
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर

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