महाशिवरात्रि 2022 : शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले हर फूल का है अगल महत्त्व
Astrology Articles I Posted on 01-03-2022 ,06:58:20 I by:
महाशिवरात्रि हिन्दुओं का सबसे बड़ा धार्मिक त्योंहार है। पूरे भारत में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। कमोबेश हर हिन्दू इस दिन व्रत रखता है। वैसे तो हर महीने मासिक शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है फाल्गुन माह में पडऩे वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दिन कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अलग-अलग परंपराओं और रस्मों के साथ धूमधाम से शिवजी की पूजा की जाती है। इस दिन शिव के भक्त भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा और व्रत करते हैं। इस बार महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। भगवान शिव को सभी देवताओं में आसानी से प्रसन्न होने वाला माना जाता है। मान्यता है कि सिर्फ सच्चे मन से शिवजी को याद करते हुए शिवरात्रि का व्रत किया जाए तो भगवान शंकर प्रसन्न हो जाते हैं। मंदिरों से लेकर घरों में भक्त शिव के इस महापर्व को मनाते हुए भोलेनाथ का आशीर्वाद पाना चाहते हैं। इस दिन शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर भक्तों में अपनी मनोकामनाओं के पूरा होने की आस रहती है। इस दिन शिवलिंग पर कई तरह के फूल चढ़ाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए हर फूल का एक विशेष महत्व होता है और उसी अनुरूप आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। शिव पुराण में उन फूलों का जिक्र है जो शिवलिंग पर महाशिवरात्रि के पर्व पर चढ़ाये जाते हैं। इन्हें भगवान शिव को अर्पित करने से मन चाहे फल की प्राप्ति होती है।
आइए डालते हैं एक नजर उन फूलों पर—
धतूरे का फूल
भगवान शिव को धतूरा अत्यंत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा धतूरे के फल और फूलों के बिना अधूरी है। ऐसा कहा जाता है और माना जाता है कि भगवान शिव पर धतूरे का फल और फूल चढ़ाने से मनुष्य को दुखों से छुटकारा मिलता है। शिव पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है कि जो दंपत्ति संतान प्राप्ति की मनोकामना रखते हैं यदि वह धतूरे का फूल या फल चढ़ाए तो उनकी मनोकामना जल्द पूरी होती है।
अलसी के फूल
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव की पूजा अर्चना में अलसी के फूलों का काफी महत्व है। भक्त महाशिवरात्रि के दिन इसे भगवान शिव को जरूर अर्पित करें। पुराण में बताया गया है कि इसे भगवान शिव को अर्पित करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मनुष्य भगवान विष्णु को भी प्रिय होता है। ऐसा व्यक्ति सद्गति को प्राप्त करता है।
चमेली के फूल
शिवपुराण में बताया गया है कि यदि कोई मनुष्य वाहन सुख पाना चाहता है यानी वाहन खरीदना चाह रहा है लेकिन बात हर बार बनते-बनते रह जाती है, तो उन्हें भगवान शिव को चमेली के फूल अर्पण करने चाहिए। चमेली के फूल अर्पित करने से जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है, वाहन सुख मिलता है ऐसी धार्मिक मान्यताएँ कहती हैं।
गुलाब के फूल
सभी देवी देवताओं को गुलाब के फूल अत्यंत प्रिय हैं। देवी लक्ष्मी को प्रत्येक शुक्रवार को गुलाब अर्पित करने से धन समृद्धि मिलती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को गुलाब का फूल अर्पित करने से व्यक्ति की सेहत अच्छी रहती है साथ ही आयु लंबी और खुशहाल जीवन की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर निरोग काया के लिए भगवान शिव को आप भी गुलाब अर्पित कर सकते हैं।
बेले के फूल
कहते हैं कि जिन लोगों के विवाह के योग नहीं बन रहे हैं उन्हें महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए। शिवपुराण में बताया गया है कि यदि इस दिन आप बेले के फूलों से भगवान शिव का पूजन करते हैं तो सुयोग्य और समझदार जीवनसाथी मिलता है। विवाह का योग प्रबल होता है।
लाल और सफेद आंकड़े के फूल
शिवपुराण में बताया गया है कि भगवान शिव को लाल और सफेद आंकड़े के फूल प्रिय हैं। यदि आप महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन करने के लिए लाल या फिर सफेद आंकड़े के फूल का इस्तेमाल करते हैं तो मोक्ष की प्राप्ति होती है।
हरसिंगार और दूर्वा
महाशिवरात्रि के दिन हरसिंगार के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से सुख और संपत्ति में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि हरसिंगार के फूलों से घर का वास्तु भी ठीक होता है। इनकी महक से घर में सकारात्मक ऊर्जा भी आती है। साथ ही यदि भगवान शिव के पूजन में दूर्वा का इस्तेमाल किया जाए तो मनुष्य की आयु बढ़ती है।