सावन में इन चीजों को खाने से भगवान शिव हो जाते हैं नाराज

श्रावण अर्थात सावन जो कि महादेव का अत्यंत प्रिय मास है, इस मास में हर तरफ हरियाली होती है और महादेव को प्रसन्न करने हेतु इस मास में जो भी प्रयास किये जाते है उस से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं, ऐसे तो सावन का संपूर्ण मास ही कल्याणकारी और अत्यंत शुभ है।

सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा की जाती है और शिवाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि भी किया जाता है जिससे भगवान शिव की कृपा हम पर बनी रहे।

इस माह में खान-पान संबंधी भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। भोजन को प्रसाद की भांति खाना चाहिए न की स्वाद के वशीभूत होकर। जिस प्रकार बिना कपड़े पहने आभूषण पहिनने वालों पर दुनियां हंसती है। ठीक उसी प्रकार शरीर की पौष्टिकता के नाम पर मन, भाव और आत्मा को विकारी बनाने वाला भोजन अदूरदर्शितापूर्ण आचरण ही होता है।

भविष्य पुराण के अनुसार शरीर को स्वस्थ रखना भी मानव धर्म है क्योंकि निरोगी काया वाला व्यक्ति ही समाज और धर्म को प्रगती के मार्ग पर ले जा सकता है। सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कुछ भोज्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगाएं गए हैं जैसे मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन, साग, बैंगन और दूध।

- साग खाना सेहत के लिए गुणकारी होता है केवल सावन माह में इसके सेवन से हानि होती है। बैंगन को धर्म शास्त्रों में अशुद्घ माना गया है। इन दोनों को खाने के पीछे वैज्ञानिक आधार यह है कि सावन में इनमें कीड़े पड़ जाते हैं। जिससे सेहत को नुकसान होता है। 

- मांस,  मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन तो कदापि नहीं करना चाहिए। यह अध्यात्म के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा उत्पन्न करते हैं। इनके सेवन से लोक ही नहीं परलोक भी बिगड़ जाता है।

- दूध न पीएं क्योंकि सावन में दूध वात को बढ़ाता है लेकिन भगवान भोलेनाथ का अभिषेक अवश्य करें।


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