इस बार जन्माष्टमी होगी खास, बन रहा है अद्भुत संयोग
Astrology Articles I Posted on 22-08-2016 ,09:23:11 I by:
भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव (जन्माष्टमी) पर्व इस बार 25 अगस्त, गुरूवार को
मनाई जाएगी। इस बार इस दिन बहुत ही विशेष संयोग हैं। इस दिन अष्टमी उदया
तिथि में और मध्य रात्रि जन्मोत्सव के समय रोहिणी नक्षत्र का संयोग रहेगा।
जिसके कारण इस दिन पूरा करना काफी फलदायक साबित हो सकता हैं। इस बार
जन्माष्टमी का सूर्योदय के साथ ही अष्टमी तिथि का आगमन हो रहा है। और यह
तिथि रात 8 बजकर 13 मिनट कर रहेगी। जिसके कारण दिनभर अष्टमी तिथि का प्रभाव
रहेगा। इसके साथ ही आधी रात को जन्मोत्सव के समय रोहिणी नक्षत्र का भी
संयोग रहेगा।
जो कि बहुत ही फलदायी है, लेकिन गुरुवार उदयाकाल की
तिथि में व्रत जन्मोत्सव मनाना शास्त्र मत रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के
अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी
रोहिणी नक्षत्र में मनाना ही श्रेष्ठ माना जाता है।
इस बार
श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व 52 साल बाद अनूठा संयोग लेकर आ रहा है जब
माह, तिथि, वार और चंद्रमा की स्थिति वैसी ही बनी है, जैसी कृष्ण जन्म के
समय थी। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि,
बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ के चंद्रमा की स्थिति में हुआ था।
ऐसा
योग 52 साल पहले 1958 में बना था। 52 साल बाद ऐसा संयोग दोबारा आया है।
पंडितों के मुताबिक, कृतिका नक्षत्र का काल क्रम 9 घंटे 32 मिनट का होता
है। मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी की रात्रि रोहिणी नक्षत्र के
आरंभ काल के संयोग में हुआ। रोहिणी नक्षत्र की स्थिति में मामूली अंतर भर
आया है।
मंदिरों में होगी विशेष आराधना--
कृष्ण जन्मोत्सव के दिन
मंदिरों सहित घर-घर भगवान के झूले सजेंगे और विशेष आराधना होगी। मंदिरों
में मोहक झांकी के साथ ही भगवान के दर्शन होंगे। देश भर के विभिन्न मंदिरों
में मध्य रात्रि भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर भगवान को
झूला झुलाने और उनकी एक झलक पाने के लिए भक्तों की कतार लगेगी। बाल-गोपाल
की रहेगी धूम। कई शहरों के विभिन्न चौक-चौराहों पर दही-हांडी की
प्रतियोगिता होगी। गीत-संगीत के साथ ही बाल-गोपालों की धूम रहेगी।
बाजे-गाजे के साथ ही गोपालों की टोलियां निकलेंगी और दही-हांडी फोड़
प्रतियोगिता के साथ कृष्ण जन्मोत्सव देर रात्रि तक रहेगा।