जानिये : विवाह से पूर्व क्यों लगाई जाती है हल्दी

हिन्दू धर्म में विवाह को सबसे पवित्र परम्परा के रूप में माना जाता है। विवाह के समय कई प्रकार के रीति रिवाजों का पालन किया जाता है। धार्मिक दृष्टि से देखते हुए विवाह से पूर्व लडक़े-लडक़ी को हल्दी लगाने की परम्परा हिन्दू धर्म में पिछली कई सदियों से चलती आ रही है। इस रस्म को दोनों पक्ष के लोग (दूल्हा-दुल्हन) बड़े ही धूमधाम से करते हैं। इस रस्म को कहीं-कहीं हल्दी उबटन के नाम से भी जाना जाता है। हल्दी को बहुत ही पवित्र माना गया है इसलिए जब हल्दी दूल्हा-दुल्हन को लगाई जाती है तो वो पूरी तरह से पवित्र हो जाते हैं। लेकिन यह हल्दी क्योंकर लगाई जाती है इस बात को दूल्हा-दुल्हन दोनों ही नहीं जानते हैं। दूल्हा-दुल्हन इसको सिर्फ एक परम्परा व रीति रिवाज मानकर पूरा करते हैं।

आज हम अपने पाठकों को विवाह से पूर्व हल्दी क्यों लगाई जाती यह बताते हैं। हल्दी लगाने के वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों कारण हैं।

वैज्ञानिक कारण
1. हल्दी में एंटीबायोटिक और एंटी बैक्टीरियल गुण पाएं जाते हैं और जब यह हल्दी दूल्हा-दुल्हन को लगाई जाती है तो स्किन से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं.
2. हल्दी लगाने से त्वचा पर जमी हुई गंदगी पूरी तरह साफ से हो जाती है और त्वचा की चमक बढ़ती है. इसलिए जब इसका रंग दूल्हा-दुल्हन पर चढ़ता है तो उनकी खूबसूरती निखर जाती है.
3. विवाह के समय काम की वजह से थकान और सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है इसलिए जब हल्दी लगाई जाती है तो इन दर्द से छुटकारा मिलता है.

धार्मिक कारण
1. हिंदू धर्म में सभी शुभ एवम मांगलिक कार्यों में भगवान विष्णु की पूजा बहुत महत्वपूर्ण होती है. विवाह में भी भगवान विष्णु का पूजन होता है और इस पूजा में हल्दी का प्रयोग किया जाता है.
2. मान्यताओं के अनुसार हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है इसलिए विवाह में दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है. इस रस्म से दूल्हा- दुल्हन को शुभ फल मिलते हैं.
3. दूल्हा- दुल्हन को नजर ना लगे और वह नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें इसलिए भी हल्दी का प्रयोग किया जाता है.

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