जानिये कब मनाया जाएगा भाईदूज, कब लगाएं भाई को तिलक, शुभ मुहूर्त
Astrology Articles I Posted on 13-11-2023 ,10:57:18 I by:
हिंदू धर्म और पंचांग के अनुसार, भाई दूज का पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाता है। बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। इस दिन भाई अपनी प्यारी बहना के लिए तोहफे भी साथ ले जाते हैं। यम द्वितीया के नाम से भी भाई दूज को जाना जाता है। चलिए जानते हैं इस साल भाई दूज कब मनाया जाएगा? भाई दूज का शुभ मुहूर्त, और तिलक लगाने का मुहूर्त, नियम आदि के बारे में—
भाई दूज 2023 कब है?
जगतपुरा, सांगानेर प्रताप नगर स्थित कैर के बालाजी के महंत मुकेश शर्मा के अनुसार, इस वर्ष 14 नवंबर यानी मंगलवार को दोपहर के समय 2 बजकर 36 मिनट पर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत होगी। यह तिथि अगले दिन यानी 15 नवंबर को दिन में 1 बजकर 47 मिनट तक मान्य रहेगी। इस तरह से उदयातिथि के अनुसार, भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा।
भाई दूज पर कब लगाएं तिलक?
14 तारीख को दिन में 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 19 मिनट के बीच भाई दूज में भाई को तिलक लगाना शुभ रहेगा। वहीं, 15 नवंबर को आप भाई दूज मना रही हैं तो भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त है सुबह 10:40 से लेकर 12 बजे तक। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज पर्व का संबंध मृत्यु के देवता यमराज से है, इसलिए इसे यम द्वितीया कहा जाता है।
भाई दूज पूजा विधि
इस दिन बहनें पूजा की थाली सजाती हैं।अपने भाई को तिलक लगाती हैं और आरती करती हैं। थाली में फल, फूल, मिठाई, कुमकुम, चंदन, रोली, सुपारी आदि सामग्री रखी जाती है। चावल के आटे से चौक बनाकर वहां अपने भाई का बिठाएं। उसके बाद शुभ मुहूर्त देखकर भाई का तिलक करें। माथे पर तिलक और चावल लगाएं। मिठाई खिलाएं। इसके बाद उसे फूल, सुपारी, काले चने, बताशे, सूखा नारियल आदि चीजें दें। फिर अंत में आरती करें। इसके बाद भाई अपनी बहनों को तोहफा देकर हमेशा उसकी रक्षा करने का वजन देते हैं।