रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में ही क्यों!
Astrology Articles I Posted on 17-05-2016 ,13:57:24 I by:
भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार उपयुक्त वास्तु-विधान से बना किचन (रसोईघर) न केवल अच्छी सेहत और सकारात्मक उर्जा देता है, बल्कि घर के धन-धान्य और समृद्धि को बढ़ाने में विशेष मददगार होता है। घर की दक्षिण पूर्व दिशा किचन बनाने के लिए सबसे उपयुक्त है। क्योंकि इस दिशा के स्वामी अग्नि देव हैं। लेकिन अगर किसी भी वजह से आप इस दिशा में किचन नहीं बना पा रहे हैं तो उत्तर-पश्चिम दिशा में भी किचन बनाया जा सकता है।
किचन बनवाते समय इन बातों पर गौर करें-
- किचन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण चूल्हा लगाना चाहिए।
- किचन के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिडक़ी नहीं होने चाहिए। खिडक़ी पूर्व की ओर में ही रखें।
- रंग का चयन करते समय भी विशेष ध्यान रखें। महिलाओं की कुंडली के आधार पर रंग का चयन करना चाहिए।
- किचन में कभी भी ग्रेनाइट का फ्लोर या प्लेटफार्म नहीं बनवाना चाहिए और न ही मीरर जैसी कोई चीज होनी चाहिए, क्योंकि इससे विपरित प्रभाव पड़ता है और घर में कलह की स्थिति बढ़ती है।
- किचन में लॉफ्ट, अलमारी दक्षिण या पश्चिम दीवार में ही होना चाहिए।
- पानी फिल्टर ईशान कोण में लगाएं।