कार्तिक पूर्णिमा : जानें क्या करने से मिलेगा फल और किन बातों से बचें

आज पूरे देश में कार्तिक पूर्णिमा धूमधाम से मनाई जा रही है। सुबह से ही सरोवरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे लगी। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में पूर्णिमा का व्रत अहम स्थान रखता है। हर साल 12 पूर्णिमा आती हैं। अधिक या मलमास होने पर ये 13 हो जाती हैं। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान भी कहा जाता है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा इसलिए कहते हैं क्योंकि आज के दिन ही भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था। मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिवजी के दर्शन से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। साथ ही गंगा नदी में स्नान करने से पूरे साल इसका फल मिलता है।


कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें

- गंगा स्नान जरूर करें। ऐसा नहीं कर पाएं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- गाय, दूध, केले, खजूर, अमरूद, चावल, तिल और आवंले का दान करना चाहिए।
- ब्राह्मण, बहन और बुआ को वस्त्र और दक्षिणा दें।
- शाम के समय जल में कच्चा दूध मिलाकर चंद्रमा को अघ्र्य देना चाहिए।
- जल में दूध, शहद मिलाकर पीपल के वृक्ष पर चढ़ाने के साथ दीपक जलाना चाहिए।
- सत्यनारायण भगवान की कथा अवश्य सुने।
- घर के मुख्य द्वार पर आम का तोरण बांधें और रंगोली भी बनाएं।
- कोई भिखारी आए तो उसे भोजन जरूर कराएं।
- किसी पवित्र नदी, तालाब आदि में दीप अवश्य जलाएं।
- तुलसी पूजन अवश्य करें और पौधे के नीचे दीपक जलाएं।

कार्तिक पूर्णिमा पर क्या न करें

- तामसिक भोजन का प्रयोग न करें।
- शारीरीक संबंध न बनाएं।
- घर में झगड़े से बचें।
- शराब का सेवन बिल्कुल न करें।
- गरीबों व बुजुर्गों का अपमान बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- किसी जानवर को न सताएं।
- तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ें।
- उड़द, मसूर, करेला, बैंगन और हरी सब्जियां नहीं खाएं।
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