सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गुरू और शुR ग्रह जिम्मेदार

गुरु कन्या सुख कारक हैं तो शुक्र ग्रह पति सुख कारक हैं इसलिए शादी विवाह में गुरु और शुक्र का उदित होना जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र में गुरु वैवाहिक जीवन तो शुक्र ग्रह दांपत्य जीवन के कारक ग्रह हैं इसलिए इनके अस्त होने पर विवाह नहीं होते। दोनों ग्रहों का शुभ विवाह के लिए उदय होना शास्त्र सम्मत माना जाता है।

गुरु और शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है और अच्छी मैरिड लाइफ के लिए यही ग्रह जिम्मेदार माने जाते हैं। कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होने पर जीवनसाथी के साथ हमेशा तालमेल बना रहता है और एक दूसरे को समझते हुए सभी कार्य करते हैं।

शुक्र - गुरु ग्रह के अस्त होने पर विवाह नहीं होते
विवाह मुहूर्त की गणना करते समय शुक्र तारा और गुरु तारा पर विचार किया जाता है। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते है इसलिए, इस दौरान कोई विवाह समारोह नहीं किया जाना चाहिए।

चार राशियों को होगा विशेष फायदा
शुक्र उदय होने से वृषभ, सिंह, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए बेहतर रहेगा। वृषभ राशि वालों को धनलाभ, सिंह राशि को भौतिक सुखों की प्राप्ति, तुला राशि को निवेश से लाभ और कुंभ राशि वालों को मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।

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