इष्टि पर्व दुर्भाग्य दूर करके समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करनेवाला है
Vastu Articles I Posted on 12-02-2025 ,11:52:02 I by:
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इष्टि- 13 फरवरी 2025, बृहस्पतिवार
धर्मधारणा के अनुसार- अन्वधान और इष्टि अनिवार्य पर्व हैं. अन्वधान के दिन- एक दिन का उपवास रखा जाता हैं और इष्ट के दिन यज्ञ करते हैं.
इस दिन भगवान श्रीविष्णु के भक्त उनका आह्वान करते हैं और व्रत कर उनकी पूजा करते हैं.
धर्मग्रंथों में भगवान श्रीविष्णु का एक नाम यज्ञ है, इष्टि के दिन इन्हीं भगवान श्रीविष्णु के निमित्त यज्ञ किया जाता है.
इस दिन प्रातःकाल पवित्र स्नान आदि करके साफ, स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र धारण करें पूजा का संकल्प करें.
भगवान श्रीविष्णु तथा श्रीलक्ष्मी की पूजा करें तथा हवन करें, यथाशक्ति दान-पुण्य करें.
यह पर्व भौतिक सुख और अध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करनेवाला है, दुर्भाग्य दूर करके समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करनेवाला है!
॥ श्री लक्ष्मीनारायण आरती ॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।जय लक्ष्मीनारायण,
जय लक्ष्मी-विष्णो।जय माधव, जय श्रीपति,
जय, जय, जय विष्णो॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
जय चम्पा सम-वर्णेजय नीरदकान्ते।
जय मन्द स्मित-शोभेजय अदभुत शान्ते॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
कमल वराभय-हस्तेशङ्खादिकधारिन्।
जय कमलालयवासिनिगरुडासनचारिन्॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
सच्चिन्मयकरचरणेसच्चिन्मयमूर्ते।
दिव्यानन्द-विलासिनिजय सुखमयमूर्ते॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
तुम त्रिभुवन की माता,तुम सबके त्राता।
तुम लोक-त्रय-जननी,तुम सबके धाता॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
तुम धन जन सुखसन्तित जय देनेवाली।
परमानन्द बिधातातुम हो वनमाली॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
तुम हो सुमति घरों में,तुम सबके स्वामी।
चेतन और अचेतनके अन्तर्यामी॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
शरणागत हूँ मुझ परकृपा करो माता।
जय लक्ष्मी-नारायणनव-मन्गल दाता॥
जय लक्ष्मी-विष्णो।
* पं. प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर