कहीं आपका प्रेमी या प्रेमिका आपसे धोखा तो नहीं कर रहा? जानना दो मिनट का खेल

अक्सर सुनने में आता है कि अमुक आदमी तो बडा चार सौ बीस है या इसके तो मुंह में राम और हाथ में रम रहती है या फिर ये कि फलाना तो बडा घाघ है, चालू है, बचकर रहना। प्रेमी या प्रेमिका एक-दूसरे को चार सौ बीसी करने का आरोप लगा देते है जरा सा लेट आने पर। दफतर से लेकर घर तक में बच्चे से लेकर बडे-बूढे तक ऐसी चर्चा करने का या टिप्पणी करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते हैं। महिलाओं की किटी पार्टी से लेकर राजनीति के गलियारों तक में किसी ना किसी महिला या पुरूष के बारे में रस ले लेकर उसकी या उसके कपट भरे व्यवहार की नमक-मिर्च लगाकर बडी मौज से निंदा की जाती है और निंदा रस का आंनद लिया जाता है।


वैदिक ज्योतिष में इन कपट भरे योगों के बारे में बडा अच्छा वर्णन है। महर्शि पाराशर, मंत्रेश्वमर और महादेव पाठक के ज्योतिष ग्रंथों में ऐसे योगों के बारे में विस्तार से बताया गया है। किसी की जन्मकुण्डली देखकर उसके कपटी होने या ना होने का पता ज्योतिषी आसानी से लगाता लेता है। राजनेताओं, अभिनेताओं, ज्योतिषियों, पत्रकारों, प्रबंधको और सैल्समैनों आदि की कुंडली में ऐसे योग साफ-साफ नजर आते हैं। आइये जाने ग्रहों की ऐसी स्थिति के बारे में जिससे यह पता चल जाए कि यह आदमी या औरत कपटी है या नहीं-

1. अगर जन्मकुण्डली में बुध वकरी अर्थात उल्टा चल रहा है तो निष्चित मान लीजिए वो आपसे कपटपूर्ण व्यवहार रखेगा ही।
2. कुण्डली के चौथे भाव में शनि , मंगल और राहु में से कोई भी एक ग्रह अगर मौजूद है तो छल-कपट करने से ऐसा व्यक्ति चूकेगा नहीं। और कहीं अगर दो या तीन ग्रह चौथे भाव में हैं, तो भगवान करे कि ऐसा आदमी आपका प्रेमी- दोस्त- मालिक- और रिश्ते दार कतई ना हो।
3. आपकी जन्मकुण्डली के दूसरे भाव में अगर शनि, मंगल या राहु मौजूद हैं तो आपको छल कपट करने में कोई संकोच नहीं होता। मंगल और बुध की इकठे किसी भी भाव में मौजूदगी भी यही संकेत कर रही है। मंगल की राशियों-मेश और वृष्चिक में बुध की मौजूदगी भी आपके कपटपूर्ण व्यवहार की ओर स्पश्ट इषारा कर देती है।
4. अगर आपकी जन्मकुण्डली के चौथे और नवम भाव का स्वामी छठे भाव में हो तो कपट योग बनेगा। इसको इस प्रकार समझते हैं कि अगर आपका मेष लग्न है और आपकी कुण्डली के चौथे भाव का स्वामी चंद्रमा और नवम भाव का स्वामी बृहस्पति अगर छठे भाव कन्या में मौजूद है तो यह योग बन रहा है।
5. कुण्डली के आठवे और दसवें भाव के स्वामी ग्रह की चौथे भाव में मौजूदगी भी यही संकेत कर रही है। साथ ही चौथा भाव अगर अषुभ ग्रहों-शनि,मंगल, राहु में फंसा हुआ है तो भी आपका व्यवहार कपटपूर्ण होगा।
6. मंगल की तीसरे भाव में अकेले या शनि-राहु में से किसी एक ग्रह की मौजूदगी या दृष्टि भी आपको कपटी बता रही है।
7. बुध की नवम भाव में अषुभ ग्रहों के साथ रहने या दृष्टि होने से भी योग बनता है।
8. चंद्रमा की राहु के साथ मौजूदगी भी आपको छल करने में आंनद देगी।
9. शष महापुरूष राजयोग और राहु की दसवें भाव में मौजूदगी भी कपट पूर्ण व्यवहार करवाने में चूकती नहीं है।
10. कुण्डली में अगर नीच ग्रह हों तो आप मौका पढने पर या आदतन कपट करने से चूकेगें नहीं।
11. अगर इन सभी पर मजबूत बृहस्पति की शुभ दृष्टि पड रही है तो कपट पूर्ण व्यवहार में कमी आयेगी।
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