भौतिक सुख- वाहन, मकान आदि चाहिए तो देवी चन्द्रघंटा की आराधना करे!
Vastu Articles I Posted on 30-01-2025 ,05:39:32 I by:
नवरात्रि का तीसरा दिन - 1 फरवरी 2025, शनिवार, तृतीया, चन्द्रघण्टा पूजा
आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।
अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टम् मन्त्र स्वरूपिणीम्।
धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥
नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायिनीम्।
सौभाग्यारोग्यदायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥
भावार्थ....
क्योंकि देवी ही प्रथम शक्ति है, परम शुभ है, विपत्ति से बचाने वाली है.
मैं अणिमा से आरंभ करते हुए पूर्णता प्रदान करने वाली चंद्रघंटा को नमस्कार करता हूं.
चन्द्रमुखी, अभीष्ट की दाता, अभीष्ट मन्त्र का अवतार....
मैं धन और आनंद प्रदान करने वाली चंद्रघंटा को नमस्कार करता हूं.
वह अनेक रूप धारण कर कामनाओं से परिपूर्ण तथा धन देने वाली है.
मैं सौभाग्य और आरोग्य प्रदान करने वाली चंद्रघंटा को नमस्कार करता हूं!
देवी दुर्गा के नौ रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में आराधना की जाती है.
देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा है. देवी के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र होने के कारण इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है.
देवी चंद्रघंटा के दस हाथ हैं जिनमें इन्होंने शंख, कमल, धनुष-बाण, तलवार, कमंडल, त्रिशूल, गदा आदि शस्त्र धारण कर रखे हैं. सिंह पर सवार देवी चंद्रघंटा का युद्ध के लिए सुसज्जित स्वरूप है.
देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना से शुक्र ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है इसलिए वृष-तुला राशि वालों को देवी की आराधना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है. जिन श्रद्धालुओं की शुक्र की दशा-अंतर्दशा चल रही हो उन्हें भी देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.
भौतिक सुख- वाहन, मकान आदि की कामना रखने वाले श्रद्धालुओं को देवी चंद्रघंटा की आराधना करनी चाहिए.
जिन श्रद्धालुओं के पत्नी से मतभेद हों वे संकल्प लेकर देवी चंद्रघंटा की आराधना करें, विवाद से राहत मिलेगी.
जिन श्रद्धालुओं को ऊपरी बाधा की परेशानी हो उन्हें देवी चंद्रघंटा की आराधना करनी चाहिए, राहत मिलेगी!
-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर