भूमि, ऋण मुक्ति और पदोन्नति चाहिए तो देवी ब्र�मचारिणी की आराधना करे!

नवरात्रि का दूसरा दिन - 31 जनवरी 2025, शुक्रवार, द्वितीया, ब्रह्मचारिणी पूजा
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्।

ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

शङ्करप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी।

शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥

देवी ब्रह्मचारिणी आप तपस्वी हैं जो पीड़ा को रोक सकती हैं.

जो ब्रह्मा का रूप धारण करती हैं और जो ब्रह्म का आचरण करती हैं, उन्हें मैं नमस्कार करता हूं.

क्योंकि आप भगवान शिव की सबसे प्रिय हैं, भोग और मुक्ति की दाता हैं.

मैं आपको प्रणाम करता हूं, जो शांति प्रदान करती हैं, ज्ञान प्रदान करती हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं!

देवी त्रिपुरा के नौ रूप हैं, जिनकी नवरात्रि में आराधना की जाती है.

देवी का द्वितीय स्वरूप- देवी ब्रह्मचारिणी हैं, जिनकी हर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर पूजा-अर्चना की जाती है.

क्योंकि, देवी ब्रह्मचारिणी ने शिवजी के लिए केवल फल-फूल-पत्ते खाकर घोर तपस्या की थी, इसलिए जो श्रद्धालु तपस्या में मनोबल बनाए रखना चाहते हैं, वे देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करें.

देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना से मंगल ग्रह की अनुकूलता प्राप्त होती है, इसलिए जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, जिनकी राशि मेष या वृश्चिक है, उन्हें देवी की आराधना से संपूर्ण सुख की प्राप्ति होती है.

भूमि प्राप्ति, ऋण मुक्ति, रक्त रोग मुक्ति और पदोन्नति के लिए देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें.

जिन श्रद्धालुओं के रक्त संबंधियों से मतभेद हों वे संकल्प लेकर देवी ब्रह्मचारिणी की आराधना करें, विवाद से राहत मिलेगी.

देवी ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता है.

इस अवसर पर ऐसी कन्याओं का पूजन किया जाता है जिनकी सगाई हो गई है, लेकिन शुभ-विवाह नहीं हुआ है.

मनोकामना पूर्ण करने के लिए संकल्प लेकर हर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को व्रत करें और देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करें.

-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर

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