यदि आपने किया है रूद्राक्ष धारण तो करें इन नियमों का पालन

ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है जिससे इसका आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। रुद्राक्ष के बारे में कहा जाता है कि यह एकमुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक का होता है। इन सभी रुद्राक्ष की अपनी एक अलग महिमा होती है। कहने को तो यह भी कहा जाता है कि जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं उन पर भगवान शिव शंकर की विशेष कृपा रहती है और जीवन के बिगड़े काम भी बनने लगते हैं। लेकिन यह भी जरूरी है कि रुद्राक्ष को पूरे नियमों के साथ धारण किया जाए, यह तभी असरकारक साबित होता है। रुद्राक्ष धारण करने वालों को कुछ नियमों का पालन करना होता है।

आइए डालते हैं एक नजर उन नियमों जिन्हें रुद्राक्ष पहनने वालों को पालन करना चाहिए—

1. रुद्राक्ष धारण करने वालों को मांस, मदिरा या अन्य किसी भी प्रकार से नशीली चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।
2. यदि आप रुद्राक्ष की माला बनवा रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि विषम संख्या में ही रुद्राक्ष धारण करें।
3. रुद्राक्ष को कभी भी काले धागे में धारण नहीं करना चाहिए इसे हमेशा लाल या पीले रंग के धागे में ही धारण करें।
4. इस बात का ध्यान रखें कि माला 27 मनकों से कम की नहीं होनी चाहिए।
5. रुद्राक्ष बेहद पवित्र होता है इसलिए इसे कभी अशुद्ध हाथों से न छुएं और स्नान करने के बाद शुद्ध होकर ही इसे धारण करें। रुद्राक्ष धारण करते समय शिव जी के मंत्र ऊं नम: शिवाय का उच्चारण करना चाहिए।
6. स्वयं का पहना हुआ रुद्राक्ष कभी भी किसी दूसरे को धारण करने के लिए नहीं देना चाहिए।
7. रुद्राक्ष को वैसे तो केवल धागे में माला की तरह पिरोकर भी धारण किया जा सकता है, लेकिन इसके अलावा आप चांदी या सोने में जड़वाकर भी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

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