संतान और धन संबंधी परेशानियां हों तो करें इस ग्रह को शांत

किसी भी जातक को यदि संतान प्राप्ति और धन प्राप्ति में अड़चनें उत्पन्न करता है तो समझिए कि उस पर राहू की छाया हैं। राहु के अशुभ स्थान में होने पर यह जातक को अत्यंत परेशान करता है। ऐसे में कुछ उपायों से राहू को शांत किया जा सकता है।


यदि राहु प्रथम भाव में बैठा हो तो जातक को को 400 ग्राम सूरमा, नारियल, सत्तू व दूध के मिश्रण को बहते जल में प्रवाह करना चाहिए।
दूसरे भाव में राहु का शुभ फल पाने के लिए जेब में चांदी रखें, ससुराल पक्ष से कोई भी विद्युत उपकरण ना लें एवं अपनी माता से उचित व्यवहार करें।
यदि कुंडली में राहु तीसरे भाव में बैठा है तो उसे शांत करने के लिए ध्यान रखें कि घर में किसी भी जानवर की चमड़ी न रखें।
अगर चौथे भाव में राहु की पीड़ा शांत करनी हो तो जातक चांदी के आभूषण धारण करे एवं 400 ग्राम धनिया या बादाम बहते जल में प्रवाहित करें।
यदि पांचवें भाव में राहु अशुभ फल दे रहा है तो अपने पास हाथी की मूर्ति रखें और मास-मदिरा का त्याग करें।
छठे भाव में राहु की पीड़ा शांत करने के लिए घर में काला कुत्ता रखें एवं भाई-बहन से झगड़ा न करें।
सातवें भाव में राहु से पीडित जातकों को 21 वर्ष से पूर्व विवाह न करने की सलाह दी जाती है।
कुंडली में आठवें भाव में राहु के शुभ फल पाने के लिए चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें। सोते समय तकिये में सौंफ रखने से भी फायदा होता है।
यदि नौवें भाव में राहु परेशान कर रहा है तो जातक को केसरिया तिलक लगाना चाहिए और सोने के आभूषण धारण करना चाहिए, घर में कुत्ता पालने से भी फायदा होता है।
दसवें भाव में अगर राहु ग्रह से हानि हो रही हो तो जातक को काले एवं नीले रंग की टोपी पहनने की सलाह दी जाती है।
ग्यारहवें भाव में राहु हावी हो रहा है तो जातक लौह-धातु धारण करे और किसी से भी कोई विद्युत उपकरण उपहार में ग्रहण न करें।
राहु बारहवें भाव में होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो सोने से पहले तकिये में सौंफ और खाण्ड रखने की सलाह दी जाती है।

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