रवि और शुक्ल योग में रखा जाएगा हरतालिका तीज का व्रत, जान लें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

हरतालिका का तीज पर इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा, और पूजन विधि क्या है। हरतालिका तीज का व्रत वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि के लिए लिया जाता है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह व्रत रखा जाता है और इस साल 6 सितंबर के दिन ये व्रत रखा जाना है। इस व्रत को विवाहित महिलाओं के साथ ही अविवाहित कन्याएं भी योग्य वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। साल 2024 में हरतालिक तीज व्रत के दिन कई शुभ योग भी बनने जा रहे हैं, जैसे इस दिन रवि योग और शुक्ल योग रहेगा। इन शुभ योगों में व्रत रखने से व्रतियों को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। आइए ऐसे में जान लेते हैं कि, व्रत रखने वालों को किस समय इस दिन पूजा करनी चाहिए और हरतालिका व्रत की सही पूजा विधि क्या है।

शुभ योग
इस बार हरतालिका तीज के दिन रवि और शुक्ल योग का शुभ संयोग रहने वाला है। इसके साथ ही सुबह लगभग 9 बजकर 26 मिनट तक हस्त नक्षत्र रहेगा और उसके बाद चित्रा नक्षत्र लग जाएगा। इन शुभ योगों में पूजा पाठ करने से महिलाओं को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। आइए अब जान लेते हैं कि इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या होगा।

शुभ पूजा मुहूर्त
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से शुरू हो जाएगी और अगल दिन लगभग 3 बजे तक तृतीया तिथि रहेगी। उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को रखा जाना ही उचित होगा। इस दिन सुबह और शाम दोनों समय पूजा की जाएगी। सुबह के समय पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजे से लेकर 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही शाम के समय सूर्योदय के बाद प्रदोष काल की पूजा आप कर सकते हैं। शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 बजकर 40 मिनट से 9 बजे तक माना जा रहा है। अगर शुभ मुहूर्त में आप माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

पूजा विधि
1. सुबह जल्दी उठें और स्नान- ध्यान करने के बाद पूजा स्थल की भी सफाई करें।

2. इसके बाद आपको पूजा स्थल पर बैठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

3. सबसे पहले गणेश भगवान की पूजा करें।

4. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान पूर्वक पूजा करें और साथ ही मंत्रों का जप भी करें।

5. इसके बाद सपरिवार हरतालिका तीज व्रत की कथा को सुनें या पढ़ें।

6. पूजा में चुनरी, सिंदूर, कुमकुम, फूल, फल, और मिठाई आदि आपको अर्पित करने चाहिए।

7. व्रत तोड़ने से पहले अगर आप चंद्रमा को अर्घ्य दें तो इसे भी बेहद शुभ माना जाता है।

8. व्रत का पारण चतुर्थी तिथि के दिन भगवान की पूजा के बाद कुछ मीठा खाकर करें।

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