वRी अवस्था में हैं गुरू, इन उपायों से मजबूत करें गुरू ग्रह, कम होगा प्रभाव
Astrology Articles I Posted on 07-11-2024 ,05:53:25 I by:
गुरु इस समय वक्री अवस्था में चल रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु की वक्री अवस्था को अनुकूल नहीं माना गया है। गुरु के वक्री होने से व्यक्ति का मन धर्म कर्म के कार्यों में कम लगता है। साथ ही ऐसे लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, राशि के अनुसार, सभी पर अलग -अलग प्रभाव होता है लेकिन, यदि कार्तिक मास के गुरुवार के दिन गुरु के संबंधित कुछ आसान उपाय कर लिए जाएं तो इसका प्रभाव कम किया जा सकता है।
कार्तिक मास के किसी भी गुरुवार से आप ये उपाय करना शुरू कर सकते हैं कम से कम 7 गुरुवार आपको यह उपाय करने हैं और आपको प्रभाव दिखाई देना शुरू हो जाएगा। साथ ही आज छठ महापर्व भी है साथ ही आज गुरु और चंद्रमा का नवपंचम योग भी बन रहा है। ऐसे में आज से गुरु ग्रह को मजबूत करने के ये उपाय आपको अधिक लाभ दिलाएंगे।
गुरुवार के उपाय
गाय को खिलाए चने की दाल और गुड़
कार्तिक मास के गुरुवार से अगले 7 गुरुवार तक लगातार 250 ग्राम चने की दाल और उतना ही गुड़ लेकर गाय को खिलाएं। यदि आपको गाय नहीं मिलती है तो आप यह सामग्री किसी पवित्र नदी में भी प्रवाहित कर सकते हैं। लेकिन, इस बात का ध्यान रखें कि जो उपाय आप पहले गुरुवार करेंगे यानी गाय को चने गुड़ खिलाना या नदी में प्रवाहित करना वही आपको अगले 7 गुरुवार करना होगा।
मंदिर में करें धार्मिक पुस्तक का दान
कार्तिक मास के किसी भी गुरुवार आप चाहें तो यह सरल उपाय भी कर सकते हैं। गुरुवार के दिन किसी भी मंदिर में जाकर धार्मिक पुस्तक का दान करें। ऐसा करने से आपको गुरु के वक्री प्रभाव से आपको राहत मिलेगी। ये उपाय आपको 5 गुरुवार तक करना। पुस्तक की संख्या आप अपने सामर्थ के अनुसार तय कर सकते हैं।
ब्राह्मण या छठी व्रती को करें केले भेंट
कार्तिक मास के इस गुरुवार को छठ का महापर्व भी पड़ रहा है। ऐसे में आप कोशिश करें की आज शाम को सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य देने से पहले किसी छठ व्रती को केले भेट करें। या फिर किसी ब्राह्मण को भी आप केले का दान कर सकते हैं। ये उपाय सिर्फ आज करना ही फलदायी रहेगा।
गुरुवार के दिन करें केले के पेड़ की पूजा
इसके अलावा कार्तिक मास के किसी भी गुरुवार से केले के पेड़ की पूजा करना शुरू कर दें। इसके लिए सबसे पहले केले के पेड़ का अभिषेक करें। अभिषेक के लिए हल्दी को जल में मिलाकर उसमें चने की जाल मखाना और गुड़ डाल लें और गंगाजल भी। इस जल से ही केले के पेड़ का अभिषेक करें। फिर केले के पेड़ को हल्दी से तिलक करें और इसके बाद केले के पेड़ की कम से कम 7 परिक्रमा करें। यह उपाय भी आपको कम से कम 7 गुरुवार करना हैं लेकिन, इसकी शुरुआत कार्तिक मास के गुरुवार से ही करनी है। तभी आपको गुरु के वक्री प्रभाव से राहत मिलेगी।
नोट—यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खास खबर डॉट कॉम एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।