गणेश चतुर्थी 2022: जानिये शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
Astrology Articles I Posted on 30-08-2022 ,08:00:13 I by:
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31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में कुल 6 शुभ मुहूर्त रहेंगे। सुबह 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक का समय सबसे अच्छा रहेगा, क्योंकि इस वक्त मध्याह्न काल रहेगा, जिसमें गणेश जी का जन्म हुआ था।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वैसे तो दोपहर में ही गणेश जी की स्थापना और पूजा करनी चाहिए। समय नहीं मिल पाए तो किसी भी शुभ लग्न या चौघडिय़ा मुहूर्त में भी गणपति स्थापना की जा सकती है। वैसे भी इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही और लंबोदर योग भी है।
भगवान गणेश की पूजा विधि
पूजा शुरू करने से पहले यह मंत्र बोले—
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्।।
ऊं गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए पूरी पूजा करें।
1. गणेशजी की मूर्ति पर पहले जल, फिर पंचामृत की कुछ बूंदें डालें। फिर जल छिडक़ें। फिर अभिषेक करें।
2. मूर्ति पर मौली चढ़ाकर वस्त्र पहनाएँ। फिर जनेऊ, चंदन, चावल, अबीर, गुलाल, कुमकुम, अष्टगंध, हल्दी और मेहंदी चढ़ाएँ।
3. इत्र और हार-फूल चढ़ाएँ। गुड़ और दूर्वा चढ़ाकर धूप-दीप अर्पित करें। पूजा शुरू करें।
4. ऋतु फल, सूखे मेवे, मोदक या अन्य मिठाई का नैवेद्य लगाकर भगवान को आचमन के लिए मूर्ति के पास ही बर्तन में 5 बार जल छोड़ें।
5. पान के पत्ते पर लौंग-इलाइची रखकर भगवान को अर्पित करें और दक्षिणा चढ़ाएँ। फिर आरती करें।
इतनी सारी चीजों से पूजन न कर पाएं तो इसके लिए छोटी पूजा विधि
1. चौकी पर स्वस्तिक बनाकर एक चुटकी चावल रखें।
2. उस पर मौली लपेटी हुई सुपारी रखें। इन सुपारी गणेश की पूजा करें।
3. इतना भी न हो पाए तो श्रद्धा से सिर्फ मोदक और दूर्वा चढ़ाकर प्रणाम करने से भी भगवान की कृपा मिलती है।
किसी वजह से गणेश स्थापना और पूजा न कर पाएं तो क्या कर सकते हैं:
पूरे गणेशोत्सव में हर दिन गणपति के सिर्फ तीन मंत्र का जाप करने से भी पुण्य मिलता है। सुबह नहाने के बाद गणेशजी के मंत्रों को पढक़र प्रणाम कर के ऑफिस-दुकान या किसी भी काम के लिए निकलना चाहिए।