31 को शुरू होगी एकादशी तिथि, व्रत 1 फरवरी को

मंगलवार 31 जनवरी, 2023 को माघ मास की एकादशी है। लेकिन यह मंगलवार को दोपहर में शुरू होगी और अगले दिन बुधवार 1 फरवरी की दोपहर तक रहेगी। ज्योतिषियों और धर्माचार्यों का कहना है कि एकादशी तिथि दो दिन तक रहने के कारण इसका व्रत 1 फरवरी को रखा जाएगा, क्योंकि उस दिन सूर्योदय के वक्त यह तिथि रहेगी। माघ मास की एकादशी 31 जनवरी को दोपहर तकरीबन 12 बजे शुरू होगी जो कि अगले दिन यानी 1 फरवरी को दोपहर करीब 2 बजे तक रहेगी। इस तरह बुधवार को सूर्योदय के वक्त और आधे दिन तक एकादशी तिथि होने से इस दिन व्रत और पूजा करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है।

स्कंद पुराण मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और तिल दान के साथ ही तुलसी पूजा का भी महत्व है। इस एकादशी को करने से मोक्ष मिलता है यानी दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। इसलिए इसे अजा कहा जाता है। जया एकादशी पर व्रत और दान के साथ ही भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। इस एकादशी का व्रत करने से हर तरह की परेशानियां और जाने-अनजाने में किए गए पाप खत्म हो जाते हैं। वहीं एकादशी तिथि में तिल दान के लिए मंगल और शुक्रवार यानी दोनों दिन खास रहेंगे।

माघ महीने की तिल द्वादशी
माघ महीने की एकादशी के अगले दिन तिल द्वादशी होती है। इस तिथि पर तिल से भगवान विष्णु की विशेष पूजा करने की परंपरा है। ग्रंथों के मुताबिक ऐसा करने से स्वर्ण दान और कई यज्ञ करने जितना फल मिलता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं। इसे भीष्म द्वादशी भी कहा जाता है।

माघ महीने के स्वामी भगवान विष्णु हैं और एकादशी तिथि भी विष्णुजी को समर्पित व्रत होने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। इस तिथि पर व्रत और पूजा के साथ ही जरुरतमंद लोगों को तिल, गर्म कपड़े और अन्न का दान करने से कई यज्ञों का फल मिलता है। ऐसा करने से पूरे साल की सभी एकादशी तिथियों के व्रत का भी पुण्य मिलता है।

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