बुद्ध पूर्णिमा पर राशि अनुसार करें यह कार्य, ग्रह दोष होंगे शांत

वैशाख मास की पूर्णिमा 5 मई को है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आज 4 मई को नृसिंग प्राक्टय दिवस मनाया जाता है। पद्म पुराण में बताया है कि सतयुग में वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भगवान नरसिंह प्रकट हुए थे। ये भगवान विष्णु का चौथा अवतार था। कथा के मुताबिक राक्षस हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था। इसीलिए हिरण्यकश्यप प्रहलाद पर अत्यचार करता था और कई बार उसे मारने की कोशिश भी की। भगवान विष्णु ने अपने भक्त को बचाने के लिए एक खंबे से नरसिंह रूप में अवतार लिया। इनका आधा शरीर सिंह और आधा इंसान का था। इसके बाद भगवान नरसिंह ने हिरण्यकश्यप को मार दिया।

शुक्रवार, 5 मई को वैशाख मास की पूर्णिमा है। इसी दिन बुद्ध जयंती और उपछाया चंद्र ग्रहण भी है। चंद्र ग्रहण उपछाया है, इस कारण इसकी धार्मिक मान्यता नहीं है। वैशाख पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने की परंपरा है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा पढऩी-सुननी चाहिए। पूजा-पाठ के साथ ही राशि अनुसार कुछ खास शुभ काम करेंगे तो कुंडली के कई ग्रह दोष शांत हो सकते हैं।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन राशि अनुसार कार्य करने से कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं। आइए जानते हैं किस राशि के जातक को कौन सा काम करना चाहिए—

मेष- घर के आसपास जरूरतमंद लोगों को दूध या खीर बांटें।

वृष- दही और गाय का घी छोटे बच्चों को दान करें।

मिथुन- घर के आसपास किसी मंदिर में छायादार वृक्ष का पौधा लगाएं।

कर्क- जल का दान करें। किसी प्याऊ में पानी से भरा मटका दान कर सकते हैं।

सिंह- गुड़ का दान करें।

कन्या- घर के आसपास छोटी कन्याओं को पढ़ाई से जुड़ी चीजें जैसे कॉपी, पेन आदि दान करें।

तुला- दूध, चावल और शुद्ध घी का दान करें।

वृश्चिक- लाल मसूर की दाल का दान करें।

धनु- चने की दाल पीले कपड़े में बांधकर दान करें।

मकर और कुंभ- काले तिल, तेल, जूते-चप्पल, छाता और नीले कपड़ों का दान करें।

मीन- रोगियों को फल और दवाओं का दान करें।

वैशाख पूर्णिमा पर कर सकते हैं ये शुभ काम भी

5 मई को हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करें। दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित भरें और भगवान का अभिषेक करें। भगवान को पीले चमकीले वस्त्र अर्पित करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं।

शिवलिंग के पास दीपक जलाकर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। देवी पार्वती को सुहाग का सामान जैसे चूड़ी, लाल साड़ी, कुमकुम आदि चीजें अर्पित करें।

शुक्रवार (5 मई) को शुक्र ग्रह के लिए दूध का दान करें। शुक्र की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। इसलिए चांदी के लोटे से शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।

Home I About Us I Contact I Privacy Policy I Terms & Condition I Disclaimer I Site Map
Copyright © 2025 I Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved I Our Team