कान के रोगों से राहत के लिए हनुमान चालीसा के साथ शून्य मुद्रा करें

 - प्रदीप द्विवेदी -   

कुछ समय पहले खबर थी कि फेमस सिंगर अल्का याग्निक को अचानक सुनाई देना बंद हो गया, इस बीमारी को सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस कहते हैं। अल्का याग्निक के प्रशंसक उनके शीघ्र स्वस्थ होने की दुआएं कर रहे हैं। खबर बताती है कि फिलहाल सिंगर अल्का याग्निक का इलाज चल रहा है, उधर गाजियाबाद के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. बृजपाल त्यागी का कहना है कि- उन्होंने इस बीमारी पर सालों पहले शोध किया था और अब उनके पास इसका एकमात्र पीआरपी ट्रीटमेंट भी उपलब्ध है।

डॉ. बृजपाल त्यागी का कहना है कि- गायिका को एक कान में नर्व डेफनेस हुआ है, जिसको सडन सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस कहते है। ये बीमारी- ओ (O) ग्रुप वाले मरीजों को ज्यादा होती है, यह बीमारी ज्यादातर इन्फेक्शन के कारण फैलती है, अगर इसके इलाज की बात की जाए तो एक इंजेक्शन पीआरपी का होता है, जिसे लॉस नर्व के पास एक विशेष पॉइंट पर लगाया जाता है, उससे ये डीफनेस ठीक हो जाती है।

उनका कहना है कि हाई फ्रीक्वेंसी से कान पर ऐसा प्रभाव पड़ता है, लिहाजा युवाओं के लिए यही संदेश है कि जो तेज म्यूजिक सुनते हैं, वह तीन मिनट से ज्यादा तेज म्यूजिक के बीच ना रहें। क्योंकि अगर वो इस तरीके का काम करते हैं तो उनको हाई फ्रीक्वेंसी लॉस हो सकता है, जिस कारण से उनके नर्व में भी समस्या हो सकती है और बधिरता की समस्या के कारण वह परेशान हो सकते हैं।

कान से कम सुनाई देने सहित कान के अन्य रोगों के लिए सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हनुमान चालीसा के साथ शून्य मुद्रा करने से कान के रोगों- कान दर्द, बहरापन, कम सुनना, कान बहना जैसे रोगों में फायदा होता है।

शून्य मुद्रा के लिए सबसे लंबी उंगली मध्यमा को मोड़कर अंगूठे के नीचे बनी गद्दीवाली जगह को स्पर्श करें तथा अंगूठे से मध्यमा अंगुली के ऊपरी भाग को दबाए, शेष तीन उंगलियां को सीधा रखें, शून्य मुद्रा 30 से 45 मिनट तक की जा सकती है, इस दौरान सबसे पहले हनुमान चालीसा पढ़ें और उसके बाद इसका जाप करें.... नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥

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