भूलकर भी इन जगहों पर न लगाएं गणेशजी की मूर्ति, नहीं तो
Astrology Articles I Posted on 26-04-2022 ,12:38:53 I by:
हर शुभ काम में सर्वप्रथम भगवान गणेेश को पूजा जाता है। कहते हैं गणेशजी के पूजन से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। कमोबेश हर हिन्दू परिवार के घर में गणेशजी की मूर्ति अवश्य होती है, जिसकी पूजा अर्चना नियमित रूप से की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेशजी की मूर्ति से जुड़े भी कुछ वास्तु नियम होते हैं जिनकी अनदेखी करना आपको अनिष्ट का भागीदार बना सकता है।
आज हम अपने पाठकों को गणेश मूर्ति से जुड़े वास्तु नियमों की जानकारी देने जा रहे हैं—
भूलकर भी इन जगहों पर न लगाएं गणेशजी की मूर्ति
वास्तुशास्त्र के अनुसार, गणेशजी की मूर्ति को कहीं भी लगाने से बचें। विशेषकर बाथरूम की दीवार पर तो भूलकर भी गणेशजी की फोटो या मूर्ति न लगाएं। इसके अलावा गणेशजी की मूर्ति को बेडरूम में रखने से भी बचें। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में कलह और पति-पत्नी के बीच बेवजह तनाव बना ही रहता है।
गणेशजी की ऐसी मूर्ति होती है अत्यंत शुभ
वास्तुशास्त्र के अनुसार, संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भक्तों व नवविवाहित जोड़ों को गणेशजी के बाल स्वरुप की मूर्ति को घर लाना चाहिए। मान्यता है कि इससे माता-पिता का सम्मान करने वाली संतान की प्राप्ति होती है। वहीं नौकरी या फिर व्यवसाय में दिक्कतें हों तो उन्हें दूर करने के लिए घर में गणेशजी के सिंदूरी स्वरूप की प्रतिमा या फोटो लगानी चाहिए। इससे दिक्कतें दूर होती हैं और सफलता की प्राप्ति होती है।
ऐसी मूर्ति न घर में लगाएं न ही उपहार में दें
भगवान गणेश की नृत्य करती हुई मूर्ति भूलकर भी घर में न लगाएं। साथ ही किसी को उपहार में तो यह कतई न दें। मान्यता है कि गणेशजी की नृत्य करती हुई मूर्ति लगाने से घर में कलह मची रहती है। वहीं, अगर यह किसी को उपहार के तौर पर दी जाए तो उसके जीवन में भी कलह ही कलह होती है।
बेटी या किसी लडक़ी की शादी में भी न दें
बेटी या किसी लडक़ी की शादी में उसे गणपति की मूर्ति देना अशुभ होता है। ऐसा इसलिए कि लक्ष्मी और गणेश हमेशा साथ होते हैं। यदि घर की लक्ष्मी के साथ गणेश को भी भेज देंगे तो घर की समृद्धि भी उनके साथ चली जाती है। वहीं, घर में रखने के लिए गणपतिजी की मूर्ति लेने जा रहे हों तो बायीं ओर सूंड वाले (वाममुखी) गणपति लाने चाहिए क्योंकि दाईं ओर सूंड वाले (दक्षिणाभिमुखी) गणेशजी की पूजा करने में विशेष नियमों का पालन करना होता है।